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सीटी स्कैन और बायोमार्कर का मिसयूज
एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस के डर की वजह से सीटी स्कैन और बायोमार्कर का मिसयूज किया जा रहा है। अगर लक्षण मामूली हैं तो सीटी स्कैन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि एक सीटी स्कैन 300 चेस्ट एक्स रे के बारबर होता है। जो शरीर के लिए बेहद नुकसानदेह है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पैनिक में आकर आजकल लोग बहुत ही ज्यादा सीटी स्कैन करा रहे हैं। लेकिन शायद उनको मालूम नहीं हैं कि बिना जरूरत के सीटी स्कैन कराना उनकी सेहत के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि इस समय व्यक्ति सीधा रेडिएशन के संपर्क में रहता है।
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24 घंटे के दौरान ही 3.68 लाख से ज्यादा केस
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि लोगों को होम आइसोलेशन की सलाह दी और इस दौरान डॉक्टर से सीधा संपर्क बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दौरान नियमित रूप से पल्स, बुखार और ऑक्सीजन मामते रहें। अगर ऑक्सीजन लेवल 93 से नीचे आ रहा है या बेहोशी और छाती में दर्द जैसी शिकायत है तो डॉक्टर को कॉल करें।
आपको बता दें कि देशभर में कोरोना के एक्टिव रोगियों की संख्या 34 लाख के पार जा चुकी है। बीते 24 घंटे के दौरान ही 3.68 लाख से ज्यादा लोगों को देशभर में कोरोना संक्रमण हुआ है। इन्ही 24 घंटे में देशभर में 3417 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में 24 घंटे के दौरान 3,68,147 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 24 घंटे में ही देशभर में 3417 लोगों की मौत हुई। इसी दौरान दोनों 3,00,732 कोरोना रोगी स्वस्थ हुए हैं।