कोरोना महामारी के विरुद्ध देश में टीकाकरण अभियान इस साल 16 जनवरी से शुरू है। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइनर्स यानी मैदान में पहले स्तर पर मोर्चे पर डटे लोगों को टीका लगाया गया। इसके बाद गत 1 मार्च यानी सोमवार से टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को टीका लगाया जा रहा है। इसके अलावा, 45 साल से अधिक उम्र के वे लोग, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें भी टीका लगाया जा रहा है।
हालांकि, ऐसे लोगों को बीमारी का प्रमाण पत्र टीकाकरण केंद्र पर ले जाना अनिवार्य है। सरकार ने 20 गंभीर बीमारियों को इस श्रेणी में रखा है। वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को टीका लगवाने की जरूरत नहीं है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दूसरे चरण के पहले दिन ही कोरोना का टीका लगवाकर लोगों में इसके प्रति जागरूक रहने का संदेश दे दिया था। पहले सरकारी अस्पतालों और कुछ निजी अस्पतालों में टीका लगाया जा रहा था, मगर सरकार ने अब देशभर के सभी निजी अस्पतालों में कोरोना का टीका लगाने की अनुमति दे दी है। बता दें कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका मुफ्त में लगाया जा रहा है, जबकि निजी अस्पतालों के लिए सरकार की ओर से शुल्क तय कर दिया गया है। इसमें पहले डोज के लिए शुल्क 250 रुपए और दूसरे डोज के लिए 250 रुपए का भुगतान करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दूसरे चरण के पहले दिन ही कोरोना का टीका लगवाकर लोगों में इसके प्रति जागरूक रहने का संदेश दे दिया था। पहले सरकारी अस्पतालों और कुछ निजी अस्पतालों में टीका लगाया जा रहा था, मगर सरकार ने अब देशभर के सभी निजी अस्पतालों में कोरोना का टीका लगाने की अनुमति दे दी है। बता दें कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका मुफ्त में लगाया जा रहा है, जबकि निजी अस्पतालों के लिए सरकार की ओर से शुल्क तय कर दिया गया है। इसमें पहले डोज के लिए शुल्क 250 रुपए और दूसरे डोज के लिए 250 रुपए का भुगतान करना होगा।
वैक्सीन लगाने काम जोरशोर से जारी इसके बाद से देशभर में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को वैक्सीन लगाने काम जोरशोर से जारी है। महाराष्ट्र में पिछले साल और इस साल नई लहर में कोरोना के मामले नंबर एक पर रहे हैं। इसको देखते हुए वहां के नागरिकों में टीका लगवाने को लेकर जागरुकता अधिक देखी जा रही है। यहां नागरिकों को सिर्फ टीका लगाने के लिए ही नहीं बल्कि, कोविन ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं।
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बुजुर्ग नागरिक चाहे ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए के लिए कैंप पहुंच रहे हैं, या फिर टीका लगवाने के लिए वैक्सिनेशन सेंटर, दोनों ही जगह उनका आदर और सत्कार किया जा रहा है। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी बुजुर्गों को पूरी प्रक्रिया के दौरान दूसरी जरूरी सुविधाओं के अलावा उन्हें चाय और नाश्ता भी उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं, उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत उसे दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
बुजुर्ग नागरिक चाहे ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए के लिए कैंप पहुंच रहे हैं, या फिर टीका लगवाने के लिए वैक्सिनेशन सेंटर, दोनों ही जगह उनका आदर और सत्कार किया जा रहा है। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी बुजुर्गों को पूरी प्रक्रिया के दौरान दूसरी जरूरी सुविधाओं के अलावा उन्हें चाय और नाश्ता भी उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं, उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत उसे दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
सोसाइटी में लगाया जा रहा कैंप
कई बड़े अस्पताल बुजुर्गो की सुविधा की देखते हुए खुद सोसाइटी में जाकर कैंप लगा रहे हैं, जिससे बुजुर्ग नागरिक कोविन ऐप पर ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकें। इसके अलावा, जब बुजुर्ग व्यक्ति अपना नंबर आने पर टीका लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, तो वहां उन्हें व्हीलचेयर की सुविधा भी दी जाती है। सूत्रों की मानें तो मुंबई के मुलुंड जंबो सेंटर पर बुजुर्गों को नाश्ता और दूसरी सुविधाएं मुफ्त में देने के लिए रकम जुटाई जा रही है। इसके लिए कई क्लब और समाज सेवी संस्थाएं भी आगे आ रही हैं।
कई बड़े अस्पताल बुजुर्गो की सुविधा की देखते हुए खुद सोसाइटी में जाकर कैंप लगा रहे हैं, जिससे बुजुर्ग नागरिक कोविन ऐप पर ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकें। इसके अलावा, जब बुजुर्ग व्यक्ति अपना नंबर आने पर टीका लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, तो वहां उन्हें व्हीलचेयर की सुविधा भी दी जाती है। सूत्रों की मानें तो मुंबई के मुलुंड जंबो सेंटर पर बुजुर्गों को नाश्ता और दूसरी सुविधाएं मुफ्त में देने के लिए रकम जुटाई जा रही है। इसके लिए कई क्लब और समाज सेवी संस्थाएं भी आगे आ रही हैं।