आतंकियों के लिए क्यों हैं परेशान: राजनाथ
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रजत जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि लोग सीमा पार से अवैध घुसपैठ करके हमारे देश में दहशत फैलाते हैं, तबाही मचाते हैं और निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, कुछ लोग उन आतंकवादियों के लिए भी मानवाधिकार के नाम पर चिंतित होते हैं, यह निश्चित रूप से चिंता की बात है।
भारत मानवाधिकार सिखाने की जरूरत नहीं: गृहमंत्री
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत को मानवाधिकार सिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारी सभ्यता मानवाधिकारों की पोषक है और हम उसका निर्वहन करते हैं। हमारी संस्कृति और सभ्यता में पूरी दुनिया की खुशहाली, निरोग रहने और सबकी समृद्धि की कामना की गई है। समानता की बात भारतीय परंपरा का हिस्सा है और हमारे धर्म ग्रंथ इन उपदेशों से भरे हैं, इसलिए मानवाधिकार को हम सबसे बेहतर तरीके से समझते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस परंपरा को और व्यापक रूप देते हुए सबको निरोग बनाने के वास्ते दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ शुरू की है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत बड़ा मानवाधिकार है।
आतंकी के मौत पर आयोजित हुई शोक सभा
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। इन दोनों में से एक आतंकी की पहचान हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर मन्नान वानी के तौर पर हुई । मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का पूर्व छात्र था। वानी इसी साल एएमयू से लापता हुआ था। बाद में खबर आई कि वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। मन्नान के मारे जाने पर जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने शोक जताया है। इसके अलावा एएमयू में कुछ लोगों ने आतंकी की मौत पर शोक सभा का आयोजन भी किया है। जिसपर जमकर बवाल हुए। इसके बाद विश्वविद्यालय ने कुछ छात्रों को सस्पेंड कर दिया।