आज से जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे 36 केंद्रीय मंत्री, 60 जगहों पर जाएंगे कांग्रेस के कारण ही देश में बना अंध्धराष्ट्रभक्ति का माहौल गुहा ने कहा कि- ’ राहुल ने 2019 में दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इनमें से एक अमेठी सीट पर वे हार गए थे। जबकि वायनाड में वे बड़े अंतर से जीते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आजादी के दौर की महान पार्टी थी। लेकिन अब कांग्रेस का पतन हो चुका है। इसी पार्टी के कारण देश में हिंदुत्व और अंधराष्ट्रभक्ति का माहौल बना है।’
राहुल को जिताना मोदी को फायदा पहुंचाना है गुहा ने आगे कहा कि- “मेरी राहुल गांधी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। वे एक शिष्ट और सभ्य व्यक्ति हैं, लेकिन युवा भारत एक पांचवीं पीढ़ी के राजवंशी को नहीं चाहता।’ उन्होंने कहा कि अगर मलयाली लोग 2024 में भी राहुल गांधी को जिताते हैं, तो इसका मतलब आप केवल नरेंद्र मोदी को फायदा पहुंचा रहे हैं।’
कलबुर्गी हत्या मामले की निगरानी नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट पांचवी पीढ़ी का राजवंश नहीं चाहते लोग गुहा ने कहा कि- मोदी ने खुद को बनाया है। उन्होंने 15 साल तक एक राज्य को चलाया, उनके पास अच्छा प्रशासनिक अनुभव है। वे कड़ी मेहनत करते हैं। छुटि्टयां मनाने के लिए युरोप नहीं जाते। ये बातें मैं गंभीरता से कह रहा हूं। और कभी छुट्टी मनाने यूरोप नहीं जाते। विश्वास कीजिए, मैं यह सब गंभीरता से कह रहा हूं।’ गुहा ने कहा कि- ‘अगर राहुल गांधी और ज्यादा समझदार हो भी जाएं, कड़ी मेहनत करने लगें, यूरोप जाकर छुट्टियां ना मनाएं, फिर भी एक पांचवीं पीढ़ी के राजवंशी की तरह नुकसान में ही रहेंगे। क्योंकि वे खुद को खड़ा नहीं कर पाए।’
सोनिया गांधी पर भी साधा निशाना इतिहासकार गुहा ने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि- “भारत ज्यादा लोकतांत्रिक और कम सामंतवादी बन रहा है। लेकिन गांधी परिवार की समझ में यह बात नहीं आ रही। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि- आप (सोनिया) दिल्ली में हैं। आपका साम्राज्य छोटा होता जा रहा है। लेकिन आपके चमचे आपको यही बताते हैं कि आप बादशाह हैं।”
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया आतंकी माड्यूल का पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण हिंदुत्व को मिला बढ़ावा इतिहासकार रामचंद्र गुहा के मुताबिक- भारतीय वामपंथियों के पाखंड की वजह से आज देश में राष्ट्रवाद की बयार है। लेफ्ट पार्टियों ने हमेशा भारत से ज्यादा दूसरे देशों को चाहा। पड़ोसी देशों में इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा मिलने के कारण भारत में हिंदुत्व को बढ़ावा मिला है।