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दही हांडी पर हाईकोर्ट का आदेश, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे नहीं हो पाएंगे शामिल

महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने दही हांदी उत्सव पर सरकार के फैसले पर सहमति जताई है।

Aug 07, 2017 / 08:32 pm

ashutosh tiwari

मुंबई। महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने दही हांडी उत्सव पर एक अहम फैसला सुनाया है। महाराष्ट्र सरकार के आदेश को सही बताते हुए अदालत ने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दही हांडी उत्सव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने हाईकोर्ट में श्रम निषेध और विनियमन कानून का हवाला दिया था। वहीं अदालत ने उत्सव के दौरान बनने वाले मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई से संबंधित आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। यह फैसला जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एमएस कार्नकि की खंडपीठ ने सुनाया। मामले में दो लोगों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
दही हांडी को सरकार ने घोषित किया है एडवेंचर स्पोर्ट्स
मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि श्रम निषेध और विनियमन कानून के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों के दही हांदी उत्सव होने पर रोक लगाई गई है। वहीं उन्होंने बताया कि सरकार ने दही हांडी उत्सव को एडवेंचर स्पोर्ट्स घोषित किया है। इसलिए भी बच्चों को इजाजत नहीं दी जा सकती।
पिरामिड की ऊंचाई तय करने से कोर्ट का इनकार
जस्टिस गवई ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम राज्य सरकार की बात से सहमत हैं कि 14 साल से कम उम्र के बच्चे इस उत्सव में न शामिल हों। वहीं उन्होंने पिरामिड की ऊंचाई पर कहा कि यह राज्य की विधायिका के अधिकार है।
क्या है दही हांडी उत्सव?
महाराष्ट्र में दही हांडी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध उत्सव है। यह जन्माष्टमी के मौके पर होता है। इस दौरान ऊंचाई पर बंधे हांडी को मानव पिरामिड बनाकर तोड़ा जाता है। जो टीम ऐसा करने में कामयाब होता है उसे इनाम दिया जाता है। कई बार दही हांडी उत्सव के दौरान हादसे हो चुके हैं। जिसमें बच्चों को चोटे आई हैं। जिस पर चिंता जताते हुए सरकार ने कम बच्चों के शामिल नहीं होने रोक लगा दी थी।

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