स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल जारी महाराष्ट्र सरकार ने फिर से खुलने वाले स्कूलों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया ( SOP ) भी लागू की है। इन स्कूलों से रोजाना दो पालियों में पढ़ाने के लिए कहा जाएगा ताकि ऑड-ईवन फॉर्मेट के आधार पर अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग कक्षाओं को पढ़ाया जा सके।
सोनिया गांधी ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी और कर दी आपके फायदे की सबसे बड़ी बात इस संबंध में ठाकरे ने कहा, “चूंकि हम छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं, इसलिए स्कूलों को ग्रामीण क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में फिर से खोला जा सकता है जो शहरों से दूर हैं और COVID-19 से संक्रमित नहीं हैं। इसके अलावा ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म ( virtual classes ) का इस्तेमाल पायलट आधार पर तुरंत किया जाना चाहिए।”
शिक्षा विभाग के प्रस्ताव मानें राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग द्वारा 12 जून को प्रस्तुत स्कूलों को फिर से खोलने और ऑनलाइन पढ़ाई को विनियमित करने के लिए संबंधी प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। ठाकरे ने राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ के साथ बैठक में इन प्रोटोकॉल को मंजूरी दी।
ऐसे करें एडमिशन शुरू अधिसूचना के मुताबिक स्कूलों को गूगल फॉर्म ( Google Form ) के जरिये ऑनलाइन प्रवेश शुरू करने के साथ स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के साथ ऑनलाइन बैठकें आयोजित करना, किताबों का वितरण सुनिश्चित करना, ई-कंटेंट बनाना और दीक्षा ऐप को बढ़ावा देना चाहिए।
शिक्षकों के लिए निर्देश शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से स्कूल छोड़ने वाले छात्रों से मिलने और उन्हें फिर से क्लास में बुलाने के लिए मनाने को कहा गया है। छात्रों की प्रगति की के लिए शिक्षकों को हर दिन कम से कम 10 माता-पिता से संपर्क करने के लिए कहा गया है। गांवों में स्कूलों को टेलीविजन, रेडियो और कंप्यूटर सुविधाओं के उपयोग के लिए ग्राम पंचायतों की मदद लेनी होगी।
ऑनलाइन स्टडी के लिए स्क्रीन टाइम तय ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कक्षा 3 से 5 को एक घंटे, कक्षा 5-8 को दो घंटे और कक्षा 9-12 को तीन घंटे के स्क्रीन-टाइम की अनुमति दी गई है। स्थानीय प्रशासन के साथ एसएमसी को यह तय करने की अनुमति दी जाएगी कि क्या स्कूलों को फिर से खोलना चाहिए।
केंद्र सरकार की जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, आने वाले वक्त में मौसम के हालात होंगे गंभीर कब शुरू होगी किस क्लास की पढ़ाई दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षा 9 से 12 को जुलाई से शुरू किया जा सकता है, कक्षा 6-8 को अगस्त में और कक्षा 3-5 को सितंबर में। कक्षा 1-2 के छात्रों को टेलीविजन और रेडियो पर शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से घर पर पढ़ाई कराने के लिए कहा गया है। दसवीं के नतीजों की घोषणा और बाद में कक्षा 11 में प्रवेश शुरू किया जाएगा। राज्य ने शिक्षकों को एक अलग शिक्षण प्रणाली को अपनाने और लेक्चर के जरिये पढ़ाने से बचने के लिए कहा है। शिक्षकों को सलाह दी गई है कि वे छात्रों को स्वयं सीखने के लिए प्रोत्साहित करें और अपने प्रश्नों को बाद में हल करें।
ऑड-इवन के हिसाब से स्कूल चलाने की सिफारिश स्कूलों को खोलने के लिए राज्य ने SMC को हर दिन दो पालियां चलाए जाने पर विचार करने के लिए कहा है और ऑड-इवन के आधार पर अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग कक्षाओं का समय निर्धारण करने के निर्देश दिए हैं।
एक बेंच पर केवल एक छात्र को बैठने की अनुमति होगी और बसों या वैन में भीड़ से बचने के लिए छात्रों को पैदल स्कूल जाने या माता-पिता द्वारा छोड़े जाने की आवश्यकता होगी।
एक बेंच पर केवल एक छात्र को बैठने की अनुमति होगी और बसों या वैन में भीड़ से बचने के लिए छात्रों को पैदल स्कूल जाने या माता-पिता द्वारा छोड़े जाने की आवश्यकता होगी।
मिड डे मील की होम डिलीवरी 1 जुलाई से मिड डे मील योजना के तहत नामांकित छात्रों का किराने का सामान घर-घर पहुंचाया जाएगा। गांवों में स्कूलों में प्रवासी मजदूरों के बच्चों को दाखिला देने के लिए कहा गया है। ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि स्कूलों के खुलने से पहले साबुन-पानी से फर्श को अच्छी तरह धो कर सफाई करें।
कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा, 10 हफ्ते में 100 गुना बढ़ गई मरने वालों की संख्या माता-पिता पर बच्चों को सुरक्षा सिखाने की जिम्मेदारी जहां जिला प्रशासन, जिला परिषद और नगर निगमों को आदेश दिया गया है कि वे सैनेटाइजर्स, मास्क, साबुन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, बच्चों को मास्क का उपयोग करने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी माता-पिता पर डाली गई है।
टैबलेट देने पर भी विचार सरकारी अधिसूचना में नगर निगमों को विभिन्न क्षेत्रों में वाई-फाई सुविधा बनाने पर काम करने के लिए कहा गया है। उन्हें यह पता लगाने के लिए भी आदेश दिया गया है कि क्या ऑनलाइन लर्निंग के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्री-लोडेड एसडी (सिक्योर डिजिटल) कार्ड वाले टैबलेट छात्रों को दिए जा सकते हैं। शैक्षिक कंटेंट, शैक्षणिक कैलेंडर और पाठ्यक्रम शेयर करने में निजी डिश टीवी ब्रांडों की मदद भी ली जा सकती है।
कंटेंनमेंट जोन के स्कूलों के लिए कोई आदेश नहीं हालांकि कंटेंनमेंट जोन के अंतर्गत आने वाले स्कूलों को फिर से शुरू किए जाने को लेकर किसी अस्थायी तारीख की भी घोषणा नहीं की गई है।