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स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में अब तक 85.01 फीसदी (1,32,76,039 मरीज) कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं देश में सिर्फ 1.17 फीसदी (1,82,553 मरीज) मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा देश में 13.82 फीसदी (21,57,538 मरीज) सक्रिय मरीज हैं।
146 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से अधिक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश के देश के 740 जिलों में से 308 जिलों में 5 फीसदी से भी कम कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। जबकि 274 जिलों में 5 फीसदी से लेकर 15 फीसदी तक कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं। देश में सबसे खराब स्थिति 146 जिलों में हैं। इन 146 जिलों में 15 फीसदी से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जिन राज्यों के जिलों में 15 फीसदी से अधिक पॉजिटिव केस मिले हैं उनमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि शामिल हैं।
दैनिक मामलों में भी पहले की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में पिछले साल प्रतिदिन औसत सबसे ज्यादा मामले 94,000 के पास दर्ज़ किए गए थे। इस बार पिछले 24 घंटों में 2,95,000 मामले दर्ज़ किए गए हैं।
मृत्युदर में आई कमी
राजेश भूषण ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछली बार के मुकाबले भले ही संक्रमण के मामले बढ़े हैं, लेकिन मृत्युदर में कमी आई है। जनवरी के पहले हफ्ते में जहां मृत्युदर 1.45 फीसदी था, वहीं धीरे-धीरे घटते हुए अब यह आकंड़ा 1.17 पर पहुंच गया है। यानी कि अब सिर्फ 1.17 फीसदी मरीजों की मौत हो रही है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक सक्रिय केस
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश का कौन सा राज्य कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है और कहां पर सक्रिय मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र में सक्रिय मरीजों की संख्या सबसे अधिक है और यह राज्य सबसे अधिक प्रभावित है। महाराष्ट्र में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 6,85,552 है। जबकि इसके बाद उत्तर प्रदेश में 2,23,544, कर्नाटक में 1,59,177, छत्तीसगढ़ में 1,25,688 और केरल में 1,18,996 सक्रिय मरीज हैं।
कोरोना से महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी से सबसे अधिक महाराष्ट्र प्रभावित है। महाराष्ट्र में दैनिक मौत और संक्रमितों का आंकड़ा भयावाह है। औसत साप्ताहिक संक्रमितों की संख्या की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 63022 मामले सामने आए हैं।
वहीं मौत के आंकड़ों की बात करें तो बीते एक सप्ताह में औसतन हर दिन 400 से अधिक मरीजों की मौत हुई है। बीते सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में हर दिन औसतन 402 मरीजों की मौत हुई है, जबकि इसके पीछले सप्ताह यह आंकड़ा 314 था।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 26,546 मामले सामने आए हैं। वहीं मौत के आंकड़ों की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 121 मरीजों की मौत हुई है।
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कर्नाटक की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 16,428 मामले सामने आए हैं। वहीं मौत के आंकड़ों की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 91 मरीजों की मौत हुई है।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 14,615 मामले सामने आए हैं। वहीं मौत के आंकड़ों की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 155 मरीजों की मौत हुई है।
केरल की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 13,178 मामले सामने आए हैं। वहीं मौत के आंकड़ों की बात करें तो बीते एक सप्ताह (15 अप्रैल से 21 अप्रैल) में औसतन हर दिन 23 मरीजों की मौत हुई है।
दूसरी लहर में युवाओं को अधिक खतरा
राजेश भूषण द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। मंत्रालय के अनुसार पहली लहर में जहां 10 साल से कम उम्र के बच्चों में 4.03 फीसदी मामले सामने आए, जबकि दूसरी लहर में यह प्रतिशत 2.97 रहा है।
पहली लहर में 10-20 साल के आयु वर्ग में कोरोनावायरस के 8.07 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए, जबकि दूसरी लहर में यह दर 8.50 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं पहली लहर में 20-30 साल के आयु वर्ग में 20.41 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 19.35 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा पहली लहर में 30-40 साल के आयु वर्ग में 21.05 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में यह दर 21.15 प्रतिशत रही है। 2020 में 40-50 साल के आयु वर्ग में 17.16 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर यानी 2021 में यह दर 17.50 प्रतिशत रही है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पहली लहर (2020) में 50-60 साल के आयु वर्ग में कोरोनावायरस के 14.80 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए, जबकि दूसरी लहर (2021) में यह दर 15.07 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं पहली लहर में 60-70 साल के आयु वर्ग में 9.01 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 9.99 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं पहली लहर में 70-80 साल के आयु वर्ग में 4.17 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 4.19 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। 80 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों में पहली लहर में 1.31 फीसदी मामले दर्ज किए गए थे, जबकि अब तक दूसरी लहर में 1.28 फीसदी दर्ज किए गए हैं।
40-50 साल के लोगों कोक अधिक खतरा
राजेश भूषण द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पहली लहर में जहां 10 साल से कम उम्र के 0.34 फीसदी बच्चों की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में यह कम होकर 0.27 प्रतिशत रहा है।
पहली लहर में 10-20 साल के आयु वर्ग में कोरोनावायरस के 0.31 प्रतिशत की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में यह दर 0.53 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं पहली लहर में 20-30 साल के आयु वर्ग में 1.72 प्रतिशत की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में 2.08 प्रतिशत की मौत हुई है।
इसके अलावा पहली लहर में 30-40 साल के आयु वर्ग में 5.39 प्रतिशत की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में यह दर 5.27 प्रतिशत रही है। 2020 में 40-50 साल के आयु वर्ग में 10.82 प्रतिशत की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर यानी 2021 में यह दर बढ़कर 11.98 प्रतिशत रही है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पहली लहर (2020) में 50-60 साल के आयु वर्ग में 21.23 प्रतिशत की मौत हुई है, जबकि दूसरी लहर (2021) में यह दर 23.29 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं पहली लहर में 60-70 साल के आयु वर्ग में 28.21 प्रतिशत मौत दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 28.76 प्रतिशत रहा है। वहीं पहली लहर में 70-80 साल के आयु वर्ग में 22.17 प्रतिशत की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में घटकर 19.19 प्रतिशत रहा है। 80 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों में पहली लहर में 9.81 फीसदी की मौत हुई थी, जबकि अब तक दूसरी लहर में 7.81 फीसदी दर्ज किए गए हैं।
13 करोड़ लोगों को लगा टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में 13 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं। पिछले 24 घंटों में लगभग 30 लाख वैक्सीन डोज दी गई हैं। देश में लगभग 87% स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी पहली डोज़ दी जा चुकी है, जबकि 79% फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहली डोज़ मिल चुकी है।
राजेश भूषण ने बताया कि पूरे देश में अब तक वैक्सीन की 13,01,19,310 डोज दी जा चुकी है। 45 साल से अधिक आयु के लोगों में 9,08,81,629 को पहली डोज दी गई है, जबकि 68,00,335 को दूसरी डोज दी गई है। हेल्थ केयर वर्कर्स की बात करें तो 92,01,728 को पहली डोज, जबकि 58,17,662 को दूसरी डोज दी गई है। फ्रंट लाइन वर्कर्स की बात करें तो 1,15,62,535 को पहली डोज और 58,55,821 को दूसरी डोज दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए वैक्सीन के आधार पर संचालित वैक्सीनेशन सेंटर नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे। इन केंद्रों में आयु की सीमा 45 साल रहेगी। इसमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि वैक्सीन निर्माता अपने 50% डोज़ भारत सरकार को उपलब्ध कराएंगे। बाकी 50% डोज़ भारत सरकार के अलावा अन्य चैनलों में उपलब्ध करा सकेंगे। राज्य सरकार या प्राइवेट अस्पतालों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले वैक्सीनेशन में 18 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोग वैक्सीनेशन करा सकेंगे।
इन राज्यों में 90 फीसदी से अधिक हेल्थ वर्कर्स ने ली पहली डोज
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुताबिक, गुजरात और झारखंड में 100 फीसदी हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है। मंत्रालय के मुताबिक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक हेल्थवर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
हिमाचल प्रदेश में 90.20 फीसदी, दमन एंड दीव में 91.17 फीसदी, केरल में 91.36 फीसदी, राजस्थान में 92.84 फीसदी, लद्दाख में 93.57 फीसदी, उत्तराखंड में 94.36 फीसदी, बिहार में 94.91 फीसदी, मध्य प्रदेश में 97.57 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 97.73 फीसदी, झारखंड और गुजरात में 100 फीसदी हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण किया जा चुका है।
वैक्सीन लगाने के बाद हुए संक्रमित
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में वैक्सीन लगाने के बाद भी सैंकडो़ं लोग संक्रमित हुए हैं। देश में अब तक कोवैक्सीन की 1.1 करोड़ डोज लगाई गई है। इसमें से 93,56,436 को पहली डोज दी गई है। इनमें से 4208 (0.04 फीसदी ) लोग संक्रमित हुए हैं। 17,37,178 को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इनमें से 695 (0.04 फीसदी) संक्रमित हुए हैं।
इसके अलावा कोविशिल्ड वैक्सीन की 11.6 करोड़ डोज लगाई है। इनमें से 10,03,02,745 को पहली डोज दी गई है, जिनमें से 17,145 (0.02 फीसदी) संक्रमित हुए हैं। जबकि 1,57,32,754 को दूसरी डोज दी गई, जिनमें से 5014 (0.03 फीसदी) संक्रमित हुए हैं।