केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को सभी कोविड -19 पॉजिटिव मरीजों के लिए टीबी की जांच और सभी डायग्नोस्ड किए गए टीबी मरीजों के लिए कोविड जांच की सिफारिश को फिर से दोहराया है। साथ ही सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से संक्रमित मरीजों में टीबी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक एडवायजरी जारी की है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा सभी कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के लिए टीबी की जांच और टीबी से ठीक हुए सभी रोगियों के लिए कोरोना जांच की सिफारिश की गई है। अगस्त 2020 की शुरुआत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बेहतर निगरानी और टीबी एवं कोविड-19 के मामले को खोजने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए कहा गया है।’
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में TB-COVID और TB-ILI/SARI की द्वि-दिशात्मक जांच (Bi-Directional Screening) की आवश्यकता को दोहराते हुए कई सलाह और मार्गदर्शन भी जारी किए गए हैं। कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू भी कर रहे हैं।
कोविड की वजह से बढ़े टीबी के मामले?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी इस बात के पूरे प्रमाण सामने नहीं आए हैं कि कोविड की वजह से ही टीबी के मामलों मेें बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों बीमारियों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह संक्रमाक रोग हैं, जो मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करते हैं।
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दोनों में ही खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के समान लक्षण सामने आते हैं। हालांकि, टीबी के लक्षण दिखाई पड़ने में बहुत वक्त लगता है और इसकी शुरूआत भी बहुत धीमी होती है। टीबी एक ऐसा संक्रामक रोग है जो कमजोर शरीर को निशाना बनाता है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड की वजह से कई बार पाबंदियां लगाई गई, जिसकी वजह से 2020 में टीबी के लिए केस नोटिफिकेशन में करीब 25 फीसदी की कमी आई थी।