पूंजी की पूर्ति के लिए लेना पड़ा उधार: एचएएल
सरकारी स्वामित्व में संचालित एचएएल ने स्वीकार किया कि अपनी कार्यशील पूंजी की पूर्ति के लिए बैंक से उधार लेना पड़ा। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कंपनी को प्राप्त होने वाली रकम मिलने में विलंब हुआ है। कृष्णन ने कहा कि नकदी के अभाव के कारण उत्पादन, बिक्री व अन्य संचालन कार्य पर असर नहीं पड़ा है।
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‘थलसेना और वायुसेना ने देर से किया भुगतान’
वायुसेना के येलाहंका अड्डे पर एरो इंडिया एक्पो में कृष्णन ने स्थिति और मजबूत वित्तीय स्थिति का दावा करते हुए कहा कि दोनों सेनाओं समेत ग्राहकों से उसे 9,500 करोड़ रुपए की राशि मिलने में देर हुई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआती नौ महीनों में हमारे वित्तीय प्रदर्शन से जाहिर होता है कि बिक्री व सेवा से प्राप्त हमारा राजस्व लक्ष्य के अनुसार रहा और पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि के मुकाबले लाभ में 13 फीसदी की वृद्धि हुई।
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रफाल का ठेका नहीं मिलने का असर नहीं: आर. माधवन
एचएएल के अध्यक्ष आर. माधवन ने दृढ़ता के साथ कहा कि फ्रांसीसी रफाल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका कंपनी को नहीं मिलने के विवाद की प्रतिकूल रिपोर्ट के बावजूद कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि मानवशक्ति की कोई कमी नहीं है। माधवन ने कहा कि हमें नकारात्मक मीडिया रिपोर्ट बुरी लगती है, लेकिन उसका हमारे कर्मचारियों, यूनियन और मध्यम स्तर के प्रबंधन पर कोई असर नहीं है। वस्तुत: हम अपने कार्यबल को राष्ट्रीयकृत कर रहे हैं और नियुक्तियां कर रहे हैं क्योंकि हम अपने 2,300 उद्योग साझेदारों के लिए एयरफ्रेम, स्ट्रक्चर और कंपोनेंट बनाने का काम आउटसोर्स कर रहे हैं।