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नए नियम के मुताबिक अब यह अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि वह पर्याप्त बेड के अभाव में मरीज को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करे और जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक अस्पताल उपलब्ध चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा,” आपको बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में शहर में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें निजी अस्पतालों ने कोविड-19 रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया। यही नहीं मई में डिप्टी कमिश्नर ने भी एक आदेश जारी किया था, जिसमें अस्पतालों को अनिवार्य रूप से हर कोरोना मरीज को भर्ती करने की बात कही गई थी।
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गुरुग्राम प्रशासन की ओर से तैयार नई एसओपी के अनुसाार प्राइवेट अस्पतालों को उन मरीजों को ट्रांसफर करने की अनुमति देता है, जिनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हों दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जिन रोगियों को हल्के और मध्यम लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जगह की कमी के कारण उनको क्वारंटाइन नही किया जा सकता। तो ऐसे मरीजों को अस्पताल क्वारंटाइन सेंटरों में ट्रांसफर कर सकते हैं। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 20 से अधिक होटलों और गेस्ट हाउसों में क्वारंटाइन फैसिलिटी के लिए के लिए 1,000 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था की है।
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दिशा निर्देश में तय किया गया है कि अस्पतालों में बेड उन रोगियों के लिए हैं, जिनको तत्काल प्रभाव से भर्ती कर इलाज किए जाने की जरूरत है। अगर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, तो उन्हें क्वारंटाइन सेंटरों में भेज दिया जाएगा।