फैजाबाद। नेताजी सुभाषचंद्र बोस होने के दावे के बीच गुमनामी बाबा एक बार फिर सुर्खियों में है। यूपी के फैजाबाद जिला प्रशासन ट्रेजरी में बंद उनके सामान को बाहर निकाला जा रहा है। इन दिनों फैजाबाद ट्रेजरी में बंद उनका बक्से खोले जा रहा है। इनमें से कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जिसके आधार पर वहां के लोग एक बार फिर यह दावा कर रहे हैं कि गुमनामी बाबा ही नेताजी थे। बाबा के सामान में पहले दिन एक गोल फे्रम का चश्मा और रोलेक्स घड़ी मिली थी। दूसरे दिन तांत की साड़ी, काली की मूर्ति, बंगाली भाषा में लिखे लिटरेचर और लेटर मिले। गुमनामी बाबा के खोले गए दो और बक्से में दूरबीन और टाइपराइटर मिले हैं।
32 बक्सों में 176 आइटम
– गुमनामी बाबा के 32 बक्से और कुछ झोले में टोटल 176 आइटम है। अभी तक 11 बक्सा और एक झोला खोला गया है।
– झोले में बांग्ला और अंग्रेजी में लिखी 8-10 लिटरेचर की किताबें मिली हैं। मंत्र जाप की कुछ मालाएं भी हैं।
– बक्से से सिगरेट, पाइप, कालीजी की फ्रेम की गई तस्वीर, रुद्राक्ष के कुछ मालाएं भी मिली हैं।
– बक्से से एक चश्मा मिला है। ये चश्मा गोल फ्रेम का है और ठीक वैसा ही है, जैसा नेताजी पहनते थे।
– एक रोलेक्स घड़ी मिली है। ऐसी घड़ी नेताजी अपनी जेब में रखते थे।
– कुछ लेटर मिले हैं, जो नेताजी की फैमिली मेंबर ने लिखे हैं। कुछ न्यूज पेपर कटिंग मिली हैं, जिनमें नेताजी से संबंधित खबरें हैं।
– आजाद हिंद फौज का यूनिफॅर्म मिला है।
– सुभाष चंद्र बोस के मां-पिता और परिवार की तस्वीरें मिलीं। कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी जन्मोत्सव की तस्वीरें भी हैं।
– लीला रॉय की मौत पर हुए कंडोलेंस की फोटोज।
– 1974 में कोलकाता के डेली ‘आनंद बाजार पत्रिकाÓ में 24 किस्तों में छपी खबर ‘ताइहोकू विमान दुर्घटना एक बनी हुई कहानीÓ की कटिंग्स।
– जर्मन, जापानी और अंग्रेजी लिटरेचर की ढेरों किताबें।
– इंडो-चाइना वॉर की किताबें, जिनके पेजों पर कमेंट लिखे गए हैं।
– सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच पर बने शाहनवाज और खोसला कमीशन की रिपोर्ट। सैकड़ों टेलीग्राम, जिन्हें गुमनामी बाबा उर्फ भगवनजी के नाम पर भेजा गया था।
– हाथ से बने हुए मैप, जिनमें उस जगह को दिखाया गया था, जहां कहा जाता है नेताजी की प्लेन क्रेश हुआ था।
– आजाद हिंद फौज की इंटेलिजेंस यूनिट के चीफ पवित्र मोहन रॉय के लिखे गए कॉन्ग्रैट्स मैसेज।
भगवनजी बाद में हुए गुमनामी बाबा
– फैजाबाद जिले में एक योगी रहते थे, जिन्हें पहले भगवनजी और बाद में गुमनामी बाबा कहा जाने लगा।
– मुखर्जी कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फैजाबाद के भगवनजी या गुमनामी बाबा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस में काफी समानताएं थीं।
– 1945 से पहले नेताजी से मिल चुके लोगों ने गुमनामी बाबा से मिलने के बाद माना था कि वही नेताजी थे। दोनों का चेहरा काफी मिलता-जुलता था।
– रिपोर्ट में कहा गया है कि 23 जनवरी (नेताजी का जन्मदिन) और दुर्गा-पूजा के दिन कुछ फ्रीडम फाइटर, आजाद हिंद फौज के कुछ मेंबर और पॉलिटिशियन गुमनामी बाबा से मिलने आते थे।
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