सोनिया गांधी ने अपनी इस चिट्ठी में सलाह दी है कि ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए देश भर में मौजूद केंद्रीय नवोदय विद्यालय मददगार हो सकते हैं। सोनिया ने इस चिट्ठी के जरिये इन बच्चों के भविष्य की चिंता किए जाने का जिक्र किया है।
उन्होंने अपनी इस चिट्ठी में लिखा, “कोरोना महामारी के कारण हुई तबाही और पीड़ित परिवारों द्वारा के सामने आई हृदय विदारक हकीकत के बीच छोटे बच्चों द्वारा अपने माता-पिता या किसी एक को खो देने की खबरें सबसे मार्मिक हैं। इन बच्चों के बेहतर भविष्य का ख्याल किए बिना उसी हाल में छोड़ दिया गया है।”
सोनिया गांधी ने आगे लिखा, “मेरे पति राजीव गांधी जी की सबसे महत्वपूर्ण विरासतों में से एक है ‘नवोदय विद्यालयों का नेटवर्क’। मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा को सुलभ और सस्ती बनाना ही उनका सपना था। फिलहाल देश में ऐसे 661 विद्यालय मौजूद हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, “प्रधानमंत्री जी से मेरा अनुरोध है कि कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता या उनमें से परवरिश करने वाले किसी एक को खोने वाले बच्चों को नवोदय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करने पर विचार करें। मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के रूप में, हमें अपने बच्चों (जिन्होंने माता-पिता को खो दिया है) को, उनके साथ हुई अकल्पनीय घटना के बाद उन्हें एक मजबूत भविष्य की उम्मीद देनी चाहिए।”