फंड की बर्बादी होगी
छात्रों का कहना है कि विवि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के बजाय गोशाला बनवाने पर ध्यान दे रहा है। इस प्रयोग से विश्वविद्यालय के फंड की बर्बादी होगी। पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नया परिसर करीब 50 एकड़ जमीन में तैयार हो रहा है। इसमें पांच एकड़ की जमीन पर वह गोशाला बनाने के अलावा खेती भी कराएगा।
कॉलेज के लिए दूध की सप्लाई आसान होगी
विवि के डायरैक्टर लाजपत आहूजा का कहना है कि नए परिसर में बॉयो गैस प्लांट लगेगा। इसे गोबर मिल सके इसलिए गौशाला बनाने का निर्णय लिया है। शहर से नया परिसर दूर है, इसलिए हॉस्टल, शिक्षकों व अन्य स्टॉफ के आवास में दूध की सप्लाई में भी हो सकेगी।
परिसर में खेती भी की जाएगी, जिससे सब्जी के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसकी देखभाल आउटसोर्स से कराई जाएगी। रैक्टर से पूछा गया कि क्या नए परिसर में छात्र-छात्राओं के लिए शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बनवाया जाएगा, तो रैक्टर ने साफ इनकार कर दिया।
यहां पढ़ाई के अलावा सब कुछ होता है
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में शिक्षा के अलावा वह सब हो रहा है, जो वहां नहीं होना चाहिए। अब लगता है विश्वविद्यालय प्रशासन यहां पत्रकार नहीं बल्कि चरवाहे पैदा करेगा। बेहतर होता कि कुलपति कुठियाला छत्तीसगढ़ में 300 गायों के कत्ल करने वाले आरोपी के बारे में कुछ बोलते, लेकिन वे मौन हैं।
आरएसएस को खुश करने का निर्णय
चर्चा है कि चार-पांच महीने बाद कुलपति प्रो. बीके कुठियाला का दूसरा कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। आरएसएस को खुश करने के लिए गोशाला बनाने की बात अचानक सामने लाई गई है। संघ गो संवर्धन का अभियान चला रहा है। यदि बात सिर्फ बॉयो प्लांट की होती तो विवि को सोलर एनर्जी प्लांट भी लगवा सकता था, जो कि किफायती होती है।