एक भी STP नहीं बना पाई नीतीश सरकार रिपोर्ट में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बावजूद गंगा नदी की सफाई में बिहार फिसड्डी साबित हो रहा है।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बिहार में एक भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने का कार्य पूरा नहीं हुआ है। जबकि यहां पर 28 एसटीपी लगाए जाने हैं। इसका खुलासा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की ओर से पेश रिपोर्ट में हुआ है।
अभी तक AN-32 के मलबे तक नहीं पहुंच सका पर्वतारोहियों का दल, क्रैश साइट तक पहुंचने का दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी एनजीटी की पीठ ने गंगा सफाई अभियान में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
पीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों को अपने-अपने राज्यों में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एसटीपी लगाने की परियोजना की खुद निगरानी करने और काम की प्रगति के बारे में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
मौलाना मदनी ने मोदी सरकार की छात्रवृत्ति योजना का किया स्वागत, कहा- सभी को मिले समान अवसर एनएमसीजी लक्ष्य को हासिल रहने में रहा नाकाम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगा सफाई पर समुचित काम नहीं होने पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को भी आड़े हाथ लिया है।
न्यायाधीश एके गोयल ने कहा है कि वर्ष 2017 में आदेश पारित करने के बाद कुछ कदम उठाए गए, लेकिन इस काम को पूरा करने के लिए दो से तीन साल का वक्त बढ़ाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
एनजीटी की पीठ ने एनएमसीजी को मिशन मोड में रहने और गंगा नदी की सफाई के लिए समुचित कदम उठाने का आदेश दिया। जब तक गंगा नदी प्रदूषण मुक्त नहीं होगी तब तक यही माना जाएगा कि एनएमसीजी अपने जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रही है।
ISRO ने चंद्रयान-2 की दिखाई पहली झलक, जुलाई में होगा लॉन्च सुप्रीम कोर्ट ने 36 साल पहले दिया था आदेश एनजीटी के प्रमुख न्यायाधीश एके गोयल की पीठ ने कहा है कि 2017 में आदेश पारित करने से 34 साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का आदेश दिया था।
दशकों बीत जाने के बाद सरकार व संबंधित विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया। पीठ ने कहा कहा है कि गंगा पवित्र नदी होने के साथ-साथ राष्ट्रीय नदी भी है। ऐसे में इस नदी में एक बूंद प्रदूषण को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।