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इस दौरान प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी खूनी संघर्ष के दौरान घायल हुए जवानों को भी हाल जाना। प्रधानमंत्री लेह स्थित हॉस्पिटल में इलाज करा रहे जवानों से मिलने पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों से बातचीत की और उनके जल्दी ही स्वस्थ्य होने की कामना भी की। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों से बातचीत करते हुए उनकी बहादुरी, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए तारीफ भी की।
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सामरिक विषयों के जानकारी की मानें तो लद्दाख क्षेत्र में जाकर मोदी द्वारा चीन को दिया गया यह सख्त संदेश बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत व चीनी सेनाओं की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है। इस झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद दोनों पक्षों में गतिरोध अभी तक खत्म नहीं हो सका है।
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भारत द्वारा लद्दाख क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने को लेकर चीन चिंतित है। मोदी ने शुक्रवार को संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे की दोबारा समीक्षा करने को राजी नहीं है। मोदी ने कहा कि हमने सीमा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर तीन गुना खर्च बढ़ाया है। मोदी ने गलवान घाटी झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।Delhi में Coronavirus के मामले 90 हजार के पार, 2864 व्यक्तियों की मौत
सैनिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह भूमि उनके बलिदानों को याद रखेगी। आपने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।