नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ( Petroleum Minister Dharmendra Pradhan ) ने लगभग 8000 करोड़ रुपये की पाइपलाइन प्रोजेक्ट्स ( Pipeline projects) को लेकर मंत्रालय और अलग अलग कंपनियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की। ये सभी प्रोजेक्ट्स अलग अलग चरणों में पूरा होने की ओर है। समीक्षा बैठक में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने इन परियोजनाओं के पूर्ण स्वदेशीकरण अपनाने को कहा।
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गेल ( GIAL ), इस साल सितंबर तक भारत की कंपनियों से 1 लाख लाख टन स्टील की खरीद के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक टेडर्स प्रोसेस करेगी। इसके अंतर्गत 800 किलोमीटर लाइन पाइप के निर्माण के लिए स्टील की आपूर्ति की जायेगी। प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा, जेएचबीडीपीएल पाइपलाइन के काम में लॉकडाउन के बाद तेजी तेज़ी आई है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से देश में गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।साथ ही पूर्वी भारत को सेंट्रल नेचुरल गैस पाइपलाइन कॉरिडोर के ज़रिए पश्चिम के साथ जोड़ेगी।
इंडियन ऑयल, दक्षिण भारत में 6025 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ 1450 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना को लागू कर रही है। इस परियोजना में लगभग 1.65 लाख एमटी स्टील पाइप के उपयोग की क्षमता है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 2060 करोड़ रुपये है। यह परियोजना भी आत्मनिर्भर अभियान के अनुरूप है।
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इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड, पूर्वोत्तर में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड विकसित कर रहा है। इस पाइपलाइन ग्रिड से सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों को प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी, उनकी आर्थिक वृद्धि में तेजी आयेगी और भारत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था को आगे बढाने में मदद मिलेगी। आईजीजीएल जुलाई 2020 तक लगभग 73000 मीट्रिक टन स्टील की खरीद के लिए लगभग 950 करोड़ से अधिक का टेंडर निकालेगा।