देश में मानसून की सक्रियता के बीच महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में बाढ़ का कहर कायम है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे, पालघर, कोल्हापुर, सांगली जिलों में नदियां उफान पर आने से सैकड़ों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। गोवा, कर्नाटक और बिहार में हालत खराब है। बारिश से जुड़े हादसों में महाराष्ट्र में 138 लोगों की जान गई है।
एनडीआरएफ, वायु सेना, नौसेना, कोस्टगार्ड और सेना की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं। लगभग 90 हजार लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। हालांकि, मुंबई और आसपास के इलाकों में बारिश का दौर शुक्रवार से थमा हुआ है। कोंकण व गोवा के साथ ही कर्नाटक के सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मंगलूरु से मुंबई आ रही स्पेशल ट्रेन पर गोवा के दूधसागर-सोनौलिम स्टेशनों के बीच पहाड़ी मलबा गिर पड़ा। सभी यात्री सुरक्षित बच गए।
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को बाढ़ प्रभावित रायगढ़ और रत्नागिरी में भूस्खलन पीडि़तों से मिले। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। केंद्र भी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख व घायलों को 50 हजार देगा। महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 26 टीमें तैनात हैं। महाराष्ट्र में 10 जगह भूस्खलन हुआ है। रायगढ़ में चार जगह पहाड़ी मलबा गिर पड़ा। हाड के तलई गांव में भूस्खलन से 49 लोगों की जान गई है। 12 लोग अस्पताल में हैं जबकि 47 लापता हैं। रत्नागिरी, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग आदि जिलों में भी भूस्खलन से तीन दर्जन से ज्यादा मौत हुई हैं। रत्नागिरी, कोल्हापुर, ठाणे व सांगली में नदियां उफान पर हैं। 200 गांवों का सडक़ संपर्क टूट गया है।
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मौसम विभाग के मुताबिक अगले हफ्ते उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र से पूर्वी व उत्तर भारत में अगले दो दिनों तक अच्छी बारिश हो सकती है। महाराष्ट्र समेत पश्चिमी तट पर कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। कोंकण व गोवा समेत पश्चिमी तट पर वर्षा की तीव्रता में कमी आएगी। झारखंड और इससे सटे उत्तर और छत्तीसगढ़ पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर की ओर बढऩे की संभावना है। 28 जुलाई के आसपास उत्तर बंगाल की खाड़ी व आसपास नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। बिहार में 15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बिहार के 11 जिले गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, खगडिय़ा और मधुबनी बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।