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West Bengal: ममता सरकार और राज्यपाल के बीच लगातार बढ़ रहा विवाद, ये 5 मुद्दे जब दोनों हुए आमने-सामने

West Bengal ममता सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच पुराना है विवादों का नाता
कोरोना संक्रमण से लेकर कानून व्यवस्था तक कई मुद्दों पर आमने-सामने आ चुके हैं दोनों

Oct 30, 2020 / 03:13 pm

धीरज शर्मा

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) की ममता सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) ने राज्यपाल ( Governor ) पर बीजेपी के लाउडस्पीकर होने का आरोप लगाया है। ये आरोप राज्यपाल के हालिया बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा था कि प्रदेश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है।
हालांकि ममता सरकार ( Mamata Govt ) और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankar ) के बीच विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है। राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद ही धनखड़ लगातार ममता सरकार के खिलाफ बयान देते आ रहे हैं। आईए ममता सरकार और राज्यपाल के बीच उन अहम मुद्दों पर नजर डालते हैं जिनको लेकर विवाद ने खूब तूल पकड़ा।
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1. लोकतंत्र खत्म हो रहा
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। अलकायदा अपने पैर पसार रहा है। प्रदेश में लोकतंत्र खत्म होता जा रहा है।
वहीं राज्यपाल के इस बायन के बाद टीएमसी ने भी निशाना साधा और कहा कि राज्यपाल बीजेपी के लाउस्पीकर बन गए हैं। वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- राज्यपाल राजभवन का अपमान कर रहे हैं।
2. बीजेपी सांसद की हत्या पर टकराव
इस महीने की शुरुआत में बैरकपुर के भाजपा सांसद मनीष शुक्ला की हत्या के मुद्दे पर भी राज्यपाल और ममता सरकार के बीच तलवारें खिंच गईं। राज्यपाल ने इस हत्या के बाद कानून व्यवस्था को लेकर ममता सरकार पर कड़ा प्रहार किया साथ ही उन्हें जवाब के लिए राजभवन बुलाया।
ममता सरकार और टीएमसी नेताओं ने इसे बीजेपी की ही साजिश बताया और राज्यपाल के सवाल का जवाब ही नहीं दिया। बाद में बीजेपी नेताओं ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की।
3. सिख व्यक्ति की पगड़ी खोले जाने पर विवाद
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में राज्य के सचिवालय में भाजपा के प्रदर्शन के दौरान सिख व्यक्ति की पुलिस द्वारा कथित तौर पर पिटाई किये जाने और उसकी पगड़ी खींचे जाने पर राज्यपाल और ममता सरकार के बीच जमकर विवाद हुआ।
राज्यपाल ने इस घटना को अमानवीय व्यवहार बताया और कहा कि सरकार अमानवीय व्यवहार के लिए समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रही है।

वहीं ममता सरकार ने इसे बेबुनियादी आरोप लगाते हुए खारिज कर दिया। यही नहीं सीएम बंगाल पुलिस का बचाव भी किया।
4. रेप और अपहरण पर टकराव
राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में अगस्त के दौरान दो सौ से ज्यादा रेप और छह सौ से ज्यादा अपहरण के मुद्दे पर भी ममता सरकार आड़े हाथों लिया।

वहीं ममता सरकार ने राज्यपाल के इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एक पार्टी विशेष के इशारों पर काम करने की बात कही।
5. कोरोना का मुद्दा
कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी ममता सरकार और राज्यपाल के बीच कभी सहमति नहीं बनी। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर लगातार राज्यपाल ममता सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं।
वहीं ममता सरकार ने केंद्र नीतियों को कोरोना वायरस बढ़ने के लिए जिम्मेदार बताया है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना को काबू में करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन केंद्र की गलत नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
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राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच विवादों की सूची काफी लंबी है। लेकिन इन दोनों के विवाद में जहां सरकार के पक्ष में टीएमसी आती है वहीं राज्यपाल के पक्ष में बीजेपी। ऐसे में दोनों दलों के बीच अकसर तलवारें खिंच जाती हैं। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ये विवाद प्रदेश की राजनीति में नए रंग भी ला सकता है।

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