रेलवे ने तमाम रूटों पर रद्द कर दीं तमाम ट्रेनें, किसान आंदोलन के चलते लिया फैसला, देखें लिस्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को ट्विटर पर घोषणा की, “कोरोना वायरस महामारी के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अकादमिक सत्र 2020-21 में स्नातक-परास्नातक छात्रों के लिए अकादमिक कैलेंडर और परीक्षाओं के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।”
यूजीसी के ताजा दिशा-निर्देशों के मुताबिक संस्थानों में रिक्त पड़ी सभी सीटों पर प्रवेश के लिए अंतिम तारीख 30 नवंबर रखी गई है। इसके अलावा जहां पर प्रवेश केवल परीक्षा के जरिये ही लिए जाते हैं, उनसे स्नातक-परास्नातक के छात्रों का अकादमिक सत्र जल्द से जल्द शुरू करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया जल्द निपटाने के लिए कहा है। यह संस्थान क्वॉलिफाइंग एग्जाम के दस्तावेज 31 दिसंबर 2020 तक हासिल कर सकते हैं।
इसके अलावा यूजीसी ने संस्थानों से कहा है कि वे प्रथम वर्ष या पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं 8 से 26 मार्च के बीच संपन्न करा लें। कोरोना के चलते हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए, यूजीसी ने कॉलेजों से कहा है कि वे अगले दो शैक्षणिक सत्रों यानी 2020-21 और 2021-22 के लिए बिना किसी गर्मी या सर्दियों की छुट्टी के सप्ताह में छह दिन की पढ़ाई जारी रखें।
आयोग के मुताबिक नियंत्रण से बाहार हालात के चलते सत्र 2020-2021 के पहले वर्ष की शुरुआत में देरी हुई है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कोशिश की जा रही हैं कि ब्रेक (ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन आदि) रोक दिए जाएं।
देश में Coronavirus केस 57 लाख पार, लेकिन अब अच्छी खबर आई बाहर आयोग ने कॉलेजों को यह निर्देश भी दिए हैं कि अगर 30 नवंबर से पहले कोई छात्र एडमिशन कैंसल करता है तो वह फीस का पूरा रिफंड पा सकता है। दिशा-निर्देशों के मुताबिक विशेष मामले के रूप में इस सत्र के लिए सभी छात्रों के एडमिशन/माइग्रेशन कैंसल करने पर पूरा फीस रिफंड की जाएगी।
जबकि 31 दिसंबर 2020 तक एडमिशन कैंसल/वापस लेने पर छात्र से ली गई पूरी फीस को प्रोसेसिंग फीस के रूप में अधिकतम 1000 रुपये से ज्यादा की कटौती ना करते हुए पूरी तरह से रिफंड कर दिया जाएगा।