देश का केंद्रीय वित्त मंत्रालय पांच विभागों में बंटा हुआ
वित्त मंत्री राजकोषीय नीति की जिम्मेदारी उठाता है। वित्त मंत्री ही संसद में वार्षिक केंद्रीय बजट पेश करता है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य संचालक होता है। देश का केंद्रीय वित्त मंत्रालय पांच विभागों में बंटा हुआ हैं, इनमें- आर्थिक कार्य, व्यय (Expenditure), राजस्व (Revenue), वित्तीय सेवाएं (Finance Services), विनिवेश (Dis-Investment)। हर विभाग का अपना विशेष कार्य होता है।
आर्थिक कार्य विभाग मुख्य रूप से भारत सरकार की आर्थिक नीतियों की जिम्मेदारी उठाता है। इसके अंतर्गत बजट प्रभाग और विदेश व्यापार जैसे अहम भूमिका निभाई जाती हैं। वहीं, व्यय विभाग केन्द्र सरकार की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली और राज्यों की वित्तीय स्थिति से संबंधित मामलों पर निगरानी रखने वाला एक नोडल विभाग है। राजस्व विभाग मालिकों द्वारा धारण संपत्ति के कराधान के साथ संबंधित है। जैसे किसी व्यक्ति के पास कोई संपत्ति है, तो उसके जमा किए टैक्स का लेखा-जोखा राजस्व विभाग देखता है। विनिवेश विभाग पहले एक स्वतंत्र मंत्रालय (विनिवेश मंत्रालय) के रूप में स्थापित किया गया। हालांकि मई 2004 में विनिवेश विभाग को वित्त मंत्रालय के एक विभाग में बदल दिया गया।
भारतीय वित्तीय प्रणाली के घटक:-
वित्त मंत्रालय से जुड़े कुछ रोचक जानकारियां
– यह मंत्रालय 72 वर्ष पहले 29 अक्टूबर 1946 को स्थापित हुआ था
– इस मंत्रालय में अब तक 26 मंत्रियों ने वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया है।
– मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने आजाद भारत के संसद में अबतक 10 बार बजट पेश किया है, जिनमें से 8 पूरे और 2 अंतरिम बजट है।
– दूसरे नंबर पर पी. चिदंबरम का नाम आता है, जिन्होंने कुल 9 बार संसद बजट पेश किया है।