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किसान संगठनों ने बुलाई आपात बैठक, धर्मेंद्र प्रधान ने कृषि कानून को हक में बताया

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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 21वें दिन भी जारी है।
धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Dec 16, 2020 / 07:33 pm

Mohit Saxena

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 21वें दिन भी जारी है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर बातचीत के बावजूद अभी तक किसी तरह का हल नहीं हुआ है। सरकार कुछ संशोधन को लेकर अड़े हुए हैं।
वहीं किसान कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग पर अड़े हैं। किसानों ने सरकार को लिखित जवाब देकर संदेश दिया है कि उन्हें सरकार का संशोधन प्रस्ताव बिल्कुल भी मंजूर नहीं है।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली सीमा पर हो रहे किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दायर याचिका में कहा गया है कि धरना-प्रदर्शन से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने आज चिल्ला बॉर्डर जाम कर दिया है। इस दौरान किसान संगठनों ने बुलाई आपात बैठक। इस बैठक में वे आगे की रणनीति तय करेंगे।
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कृषि कानून किसानों के हक में: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भले ही राज्य अपने कानून बदल दें लेकिन वैश्विक बाजार में जाने के लिए अंतर्राज्यीय आवाजाही आवश्यक है। क्या हम नहीं चाहते कि हमारे किसानों की उपज वैश्विक मंडी में जाए, ये कृषि कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

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