इस दौरान देश भर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाड़ियां नहीं चलने दी जाएंगी। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग जहां है वहीं पर शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करेंगे। किसानों के इस जाम को कांग्रेस समेत कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस को पिछले एक वर्ष में मिला इतने करोड़ रुपए का चंदा, जानिए किस दिग्गज वकील ने सबसे ज्यादा पार्टी को दिया दान ऐसे शुरू होगा ‘चक्का जाम’ -किसानों का चक्काजाम दोपहर 12 से 3 बजे तक चलेगा
– प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय और राज्य के हाइवे को जाम करेंगे।
– संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह जाम देशव्यापी होगा।
– इस दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को कहीं भी नहीं रोका जाएगा।
-12 और 3 बजे के बीच शनिवार को किसी हाइवे पर यात्रा करते हैं, तो जाम में फंस सकते हैं।
-किसानों ने कहा है कि वे जाम में फंसे लोगों को भोजन और पानी मुहैया कराएंगे।
– 3 बजे 1 मिनट पर हॉर्न बजाकर, किसानों की एकता का संकेत देते हुए जाम कार्यक्रम संपन्न होगा।
– प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय और राज्य के हाइवे को जाम करेंगे।
– संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह जाम देशव्यापी होगा।
– इस दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को कहीं भी नहीं रोका जाएगा।
-12 और 3 बजे के बीच शनिवार को किसी हाइवे पर यात्रा करते हैं, तो जाम में फंस सकते हैं।
-किसानों ने कहा है कि वे जाम में फंसे लोगों को भोजन और पानी मुहैया कराएंगे।
– 3 बजे 1 मिनट पर हॉर्न बजाकर, किसानों की एकता का संकेत देते हुए जाम कार्यक्रम संपन्न होगा।
इन राज्यों में नहीं होगा जाम
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हुआ उसके बाद दिल्ली में ‘चक्का जाम’ नहीं होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को भी इस विरोध से छूट है, क्योंकि इन दोनों राज्यों के किसानों को दिल्ली के विरोध स्थलों की ओर कूच करना पड़ सकता है।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हुआ उसके बाद दिल्ली में ‘चक्का जाम’ नहीं होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को भी इस विरोध से छूट है, क्योंकि इन दोनों राज्यों के किसानों को दिल्ली के विरोध स्थलों की ओर कूच करना पड़ सकता है।
दिल्ली की ओर जाने वाली सभी सड़कें खुली रहेंगी जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। सुरक्षा चाक चौबंद
किसानों के प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ से पहले प्रदर्शन स्थलों के पास दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है।
किसानों के प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ से पहले प्रदर्शन स्थलों के पास दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है।
सुरक्षा चाक चौबंद करने के क्रम में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और बहुस्तरीय अवरोधक, कंटीले तार एवं सड़कों पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं। दिल्ली पुलिस के आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने भी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
इस चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिखने की संभावना है. हालांकि यहां पुलिस प्रशासन पहले से ही मुस्तैद है. सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है। अधीर चौधरी का मोदी सरकार पर तंज, बोले- अबकी बार ट्रंप सरकार पर कोई सवाल नहीं तो रिहाना और ग्रेटा पर बवाल क्यों
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर
26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं, ताकि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में नहीं घुस पाएं। सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रखी जा रही है, ताकि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। अन्य राज्यों के पुलिस बलों के साथ भी संपर्क साधा गया है।
26 जनवरी को हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं, ताकि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में नहीं घुस पाएं। सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रखी जा रही है, ताकि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। अन्य राज्यों के पुलिस बलों के साथ भी संपर्क साधा गया है।
इसलिए हो रहा चक्काजाम
यह ‘चक्का जाम’ कर किसान प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट निलंबन के खिलाफ अपना एक प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। हालांकि जाम की मुख्य वजह नए कृषि कानूनों का विरोध ही है।
यह ‘चक्का जाम’ कर किसान प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट निलंबन के खिलाफ अपना एक प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। हालांकि जाम की मुख्य वजह नए कृषि कानूनों का विरोध ही है।