इस बात को लेकर परेशान वरवर राव के परिजनों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC ) में याचिका दायर की है। याचिका के जरिए एनएचआरसी से जेल अधिकारियों और मुंबई के नानावती अस्पताल ( Nanavati Hospital ) को यह निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है कि वह उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित राव के स्वास्थ्य के बारे में पूरी और पारदर्शी जानकारी मुहैया कराएं। साथ ही परिजनों ने राव के जान को खतरा भी बताया है।
Assam और Bihar में बाढ़ का कहर जारी, 35 लाख से ज्यादा लोगों की जान खतरे में राव के परिजनों ने एनएचआरसी में शुक्रवार को दायर याचिका ( Petition ) में कहा कि नानावती अस्तपाल ने राव की स्थिति और उनके उपचार के संबंध में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
इसलिए हम आपको यह पत्र लिखने के लिए मजबूर हैं। परिजनों ने बताया है कि जब राव को तालोजा जेल से सेंट जॉर्ज अस्पताल और फिर नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब से उनके परिवार को केवल यह जानकारी मुहैया कराई गई है कि राव कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से संक्रमित हैं।
बता दें कि राव के परिवार के सदस्यों को उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने से इनकार करना एनएचआरसी ( NHRC ) के 14 दिन पहले के आदेशों का उल्लंघन है। एनएचआरसी ने अपने आदेश में जेल के अधिकारियों को आदेश दिया था कि राव को चिकित्सकीय सहायता ( medical aid ) दी जाए और हर 6 घंटे पर उनके परिवार के सदस्यों को इस बारे में पूरी जानकारी मुहैया कराई जाए।
कोविद-19 (
COVID-19 ) संबंधी हालात एवं चिकित्सकीय आधार पर उनके परिजन राव को जमानत ( bail ) देने के लिए विशेष NIA अदालत का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। एल्गार परिषद के वरवर राव के परिवार ने अनुरोध किया है कि राव के स्वास्थ्य के बारे में उसे हर छह घंटे में ताजा आधिकारिक जानकारी मुहैया कराई जाए। राव करीब दो साल से सलाखों के पीछे हैं।
Delhi : CM केजरीवाल ने किया 450 बेड वाले कोविद-19 अस्पताल का उद्घाटन, इस बात की सबको दी बधाई कौन हैं वरवर राव और जेल में क्यों हैं बंद वरवर राव ( Varvara Rao ) एक तेलुगु वामपंथी कवि और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उन्हें तेलुगू साहित्य का एक प्रमुख मार्क्सवादी आलोचक भी माना जाता है। राव दशकों तक इस विषय पर तमाम छात्रों को पढ़ाते रहे हैं। बताया जाता है कि वो नक्सल आंदोलन ( Naxalite movement ) से भी जुड़े हैं।
राव भीमा कोरेगांव हिंसा ( Bhima Koregaon violence ) मामले में करीब दो साल से जेल में बंद हैं। 1 जनवरी, 2018 को पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर एक आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में एक शख्स की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।