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Ex CAG Rajiv Mehrishi : एक बटन दबाने मात्र से पूरी दुनिया को डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट नहीं दे सकते

Rajiv Mehrishi ने कहा कि CAG के रूप में यह मेरा निर्णय था, न कि सरकार का निर्णय।
हम Parliament, PAC और देश की मीडिया को रिपोर्ट दे रहे हैं। हमने केवल सार्वजनिक दस्तावेज ( Public documents ) बनाना बंद कर दिया है।
रक्षा मामलों की हर जानकारी पर America, China और Pakistan की India पर पैनी नजर है।

Aug 09, 2020 / 11:30 am

Dhirendra

हम Parliament, PAC और देश की मीडिया को रिपोर्ट दे रहे हैं। हमने केवल सार्वजनिक दस्तावेज ( Public documents ) बनाना बंद कर दिया है।

नई दिल्ली। भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ( India Ex CAG ) के रूप में शुक्रवार को अपना कार्यकाल पूरा करने के एक दिन पहले राजीव महर्षि ( Rajiv Meharishi ) ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में रक्षा ऑडिट रिपोर्ट ( Defence audit report ) ऑनलाइन ( Website ) उपलब्ध नहीं कराई। ऐसा इसलिए कि अमरीका ( America ), चीन ( China ) और पाकिस्तान ( Pakistan ) की हमारी हर सूचना पर नजर है। खासकर डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट पर उनकी पैनी नजर है।
इसलिए हमने अपने कार्यकाल में निर्णय लिया कि डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट को आसानी से सभी को मुहैया कराना सही नहीं है। फिर ऐसा करना जरूरी भी नहीं है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएजी के रूप में यह मेरा निर्णय था, न कि सरकार का निर्णय ( It was my decision, not the decision of the government ) ।
राजीव महर्षि ने कहा कि संसद को को हम रिपोर्ट दे रहे हैं। संसद की लोक लेखा समिति ( PAC ) को रिपोर्ट दे रहे हैं। रिपोर्ट मुहैया नहीं कराना वास्तव में एक रहस्य नहीं है। बस इसकी गंभीरता को समझने की जरूरत है। कम से कम हम एक बटन दबाने भर की सुविधा से सभी को राष्ट्रीय हितों से जुड़ी जानकारी सभी मुहैया नहीं करा सकते।
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ऐसा इसलिए कि इसे कोई वाशिंगटन में देख रहा है, कोई बीजिंग में, तो कोई इस्लामाबाद में। इसलिए हमने डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट वेबसाइट पर नहीं डालने का निर्णय लिया।
हमारी रिपोर्ट आएगी तो हम काम-काज में कमियां बताएंगे ही। लेकिन डिफेंस की रिपोर्ट वेबसाइट पर डालने का कोई सेंस नहीं है। भला भारत के राष्ट्रीय हितों से जुड़ी जानकारी को हम पूरी दुनिया को आसानी से सुलभ क्यों कराएं।
यह निर्णय हमने पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते तनाव के कारण देश की डिफेंस ऑडिट रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर नहीं डालने का फैसला किया।

महर्षि ने कहा कि यह तय किया गया था कि कुछ रक्षा रिपोर्ट और भविष्य के रक्षा संबंधी ऑडिट निष्कर्ष भी पड़ोसी देशों के साथ तनाव को देखते हुए वेबसाइट पर नहीं डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब हमारे पास गोला-बारूद की कमी के बारे में रिपोर्ट थी, तब पाकिस्तान के साथ बहुत तनाव था।
उन्होंने मीडिया को आगाह किया कि वे ऐसे मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने में सावधानी बरतें क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि रक्षा सेवाओं से जुड़े सभी कैग की रिपोर्ट संसद और पीएसी को जांच से पहले और सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध कराई जाती है, सिवाय इसके कि हमने इसे एक सार्वजनिक दस्तावेज ( Public documents ) बनाना बंद कर दिया। ऐसा इसलिए कि दुश्मन देश इसका गलत उपयोग कर सकता है।
पूर्व सीएजी ने कहा कि हम मीडिया के साथ रक्षा रिपोर्टों की प्रतियां भी साझा करते हैं और प्रेस से अपेक्षा करते हैं कि रक्षा तैयारियों के सटीक विवरण के बारे में लेखन में पूरी तरह से ध्यान रखें। खासकर हथियारों या गोला-बारूद से संबंधित रिपोर्टों को।
बता दें कि राजीव महर्षि ने सीएजी के रूप में तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। अब उनकी जगह जम्मू-कश्मीर के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू ने लिया है।
सीएजी ( CAG ) के रूप में नियुक्त होने से पहले महर्षि ने भारत सरकार में वित्त सचिव के रूप में कार्य किया था। बाद में उनकी सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले और दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए गृह सचिव नियुक्त किया गया था।

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