ऐसे काम करती है यह तकनीक अमरिकी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार डिवाइस को उंगलियों पर पहनाया जाएगा। रात में सोते या बैठे वक्त निकलने वाले पसीने से बिजली तैयार होगी। इससे स्मार्टफोन चार्ज होगा। डिवाइस में इलेक्ट्रिकल कंडक्टर लगे हैं। इसमें कार्बन फोम का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों से निकलने वाला पसीना सोखता है। इलेक्ट्रोड पर मौजूद एंजाइम पसीने के कणों के बीच केमिकल रिएक्शन शुरू करते हैं। इससे बिजली पैदा होती है। इलेक्ट्रोड के नीचे छोटी चिप लगाई गई है, जिसे दबाने पर डिवाइस पावर जनरेट करने लगती है।
डिवाइस में लगा मैटेरियल फ्लेक्सिबल अमरिकी शोधकर्ता लू यिन का कहना है कि डिवाइस का आकार एक वर्ग सेंटीमीटर है। डिवाइस में लगाया गया मैटेरियल फ्लेक्सिबल है। इसलिए इसे उंगलियों में पहनने पर असहज महसूस नहीं करेंगे। इसे कभी भी कितने समय के लिए भी पहन सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह डिवाइस धीरे-धीरे पॉवर तैयार करती है। एक स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए इंसान को करीब 3 हफ्ते तक इस डिवाइस को पहने रहना होगा। भविष्य में इसकी चार्ज करने की कैपेसिटी बढ़ाई जा सकती है।
उंगलियों पर इसलिए चिप लगाना जरूरी अगर सभी उंगलियों में इसे पहनाया जाए तो 10 गुना तक अधिक एनर्जी स्टोर की जा सकती है। डिवाइस को उंगलियों पर इसलिए पहनाया क्योंकि यहां से पसीना अधिक निकलता है। जैसे पसीना निकलना शुरू होता है पॉवर जनरेट होने लगता है। उंगलियों से पसीना या नमी निकालने के लिए एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत नहीं पड़ती। सीनियर प्रोफेसर जोसेफ वॉन्ग का कहना है कि फिंगर की टिप पर अगर आप कुछ न भी कर रहे हों तो भी बहुत थोड़ी मात्रा में पसीना होता है। इस टेक्नोलॉजी के सहारे आप बिना कुछ मेहनत किए इससे बिजली जनरेट कर सकते है।