उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद नैनीताल में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यहां पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। डीएम धीरज सिंह गर्ब्याल ने आदेश जारी करते हुए शहर में बेरोकटोक एंट्री को बंद कर दिया है।
साथ ही शहर में आने के लिए कई नियम लागू कर दिए हैं। इसके तहत नैनीताल में अब सिर्फ उन्हीं वाहनों को एंट्री दी जाएगी जिनका रजिस्ट्रेशन देहरादून स्मार्ट पोर्टल में होगा और 72 घंटे की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट ( Corona Negative Report ) उनके पास होगी।
सैलानियों को चेकिंग के दौरान होटलों की बुकिंग का प्रमाण भी दिखाना होगा। इस दौरान कोई भी पर्यटक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा गया तो उस पर आपदा प्रबंधन एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
कोरोना संकट के बीच अब पुलिस ने सैलानियों के लिए रूट तैयार किया है। नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए पुलिस ने रूट बनाए है। बाहर से आने वाले पर्यटकों की गाड़ियों पर एक अलग स्टीकर लगाया जाएगा।
सीधे नैनीताल आने वाले पर्यटकों के वाहन पर ब्लू स्टीकर लगाया जाएगा और उन्हें कालाढुंगी से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, भवाली रामगढ़ अल्मोड़ा पिथौरागढ़ जाने वाले वाहनों को भवाली स्लिप दी जाएगी जो बया ज्योलिकोट आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।
बाइकों से आने वालों को नारायण नगर और रूसी बाईपास पर रोका जाएगा, जिसके बाद यहां से शटल सेवा से नैनीताल लाया जाएगा।
नैनीताल के अलावा अन्य टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं। खास तौर पर वीकेंड के दौरान। मसूरी के टॉप टूरिस्ट प्लेस केम्पटी फॉल (Kempty Falls) पर अब एक बार में 50 पर्यटक ही नहा पाएंगे।
साथ ही झरने में रुकने का टाइम भी अधिकतम आधा घंटा निर्धारित कर दिया गया है।
इतना ही नहीं,केम्पटी फॉल्स में चेक पोस्ट लगाने और सीमित संख्या में पर्यटकों के प्रवेश के आदेश भी जारी किए हैं, ताकि कोविड-19 नियमों के तहत पर्यटकों की चेकिंग की जा सके।
उत्तराखंड के अलावा हिमाचल सरकार ने भी कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन ना हो इसके लिए सैलानियों को बिना ई-पास अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है।