अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के 650 से अधिक कर्मियों द्वारा सप्ताह भर के अभियान के दौरान प्लाज्मा दान करने की संभावना है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली पुलिस की पहल की सराहना की और डोनर पुलिस कर्मियों को ‘सुपर कोरोना वॉरियर्स’ कहा, क्योंकि वे पहले घातक वायरस से प्रभावित थे और बाद में उन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा दान किया। उन्होंने लोगों से आगे आने और प्लाज्मा दान करने की अपील की क्योंकि इससे गंभीर रोगियों के इलाज में मदद मिलेगी।
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इस अवसर पर श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोनावायरस से निपटना एक अनोखा अनुभव रहा है क्योंकि हममें से कोई भी नहीं जानता था कि क्या किया जाए। पुलिस की दो प्रमुख जिम्मेदारियां हैं, कानून -व्यवस्था बनाए रखना और लॉकडाउन को लागू कराना। साथ ही हमारे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने और पुलिस फोर्स को प्रेरित करते रहने की भी चुनौती थी। सरकार का ‘विजिबिल आर्म्स’ होने के नाते, पुलिस को सरकार के निर्देशों को लागू करना सुनिश्चित करना ही होता है। फ्रंटलाइन वॉरियर्स होने के नाते पुलिस कर्मियों के वायरस के संपर्क में आने की सबसे अधिक आशंका रहती है। परिणामस्वरूप 2,500 से अधिक कर्मी संक्रमित हो गए और एक दर्जन जान गंवा बैठे। हालांकि, ठीक होने की दर 84 प्रतिशत से अधिक है। 2,100 से अधिक पुलिसकर्मी ठीक हो चुके हैं।
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प्लाज्मा बैंक बनाने की पहल करने के लिए दिल्ली पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए हर्षवर्धन ने इस आयोजन को पवित्र, महान और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने खुद की तकलीफों को नजरअंदाज करते हुए दूसरों की जान बचाने के लिए स्वेच्छा से प्लाज्मा दान करके एक मिसाल कायम की है। यह अन्य कोरोना योद्धाओं को अपने प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करेगा। मुख्य अतिथि ने अमर कालोनी पुलिस स्टेशन के सीटी ओम प्रकाश की सराहना की, जिन्होंने अपना प्लाज्मा तीन बार दान किया। उन्होंने प्लाज्मा दाताओं को ‘प्लाज्मा वारियर्स’ कहा।