फेसबुक लाइव के दौरान शनिवार को पुरी ने कहा, “मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि आपके पास आरोग्य सेतु ऐप है और आपने अपने आप को टेस्ट करवाया है और आपके पास सिंपटम्स नहीं हैं और टेस्ट में आप निगेटिव पाए गए हैं, तो मैं समझता हूं क्वारंटाइन की जरूरत ही नहीं होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “हमने स्पष्ट किया है कि अगर किसी के पास आरोग्य सेतु ऐप है, तो यह पासपोर्ट की तरह है, किसी को भी कोई क्वारंटाइन क्यों चाहिए।”
भारतीय रेलवे ने यात्रियों को दिया बड़ा झटका, सभी टिकटें कर दीं कैंसल हालांकि इसे लेकर तमाम राज्यों के सामने अभी भी भ्रम की स्थिति है, जो यात्रियों को दो सप्ताह के लिए खुद को क्वारंटाइन करने के लिए कह रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने संकेत दिया है कि उसने घरेलू उड़ानों को अभी तक राज्य में हवाई अड्डों से आने या जाने की अनुमति नहीं दी है। महाराष्ट्र सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन 4.0 के लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक केवल चिकित्सा आपातकालीन उड़ानों या प्रत्यावर्तित अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के स्थानांतरण की अनुमति देगी।
मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अधिकारियों ने सरकार को बताया था कि 25 मई से लगभग 27,500 यात्रियों के हवाई अड्डे पर पहुंचने और प्रस्थान करने की उम्मीद है। इनमे सुरक्षा, हवाई अड्डे और एयरलाइंस के कर्मचारियों की संख्या शामिल नहीं है।
सरकार द्वारा मुंबई हवाई अड्डे को ईमेल के जरिये कहा गया कि आगामी 31 मई तक लागू लॉकडाउन के दौरान इन यात्रियों का आवागमन एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सार्वजनिक परिवहन और निजी टैक्सी बंद हैं। उचित योजना के बिना सामान्य रूप से ऐसे शॉर्ट नोटिस पर शुरुआत करना लॉकडाउन प्रतिबंधों को बाधित करेगा और यात्रियों को गंभीर असुविधा होगी।
गुरुग्राम से दरभंगा तक बीमार पिता को साइकिल में बिठाकर ले गई ज्योति की केंद्र सरकार ने ली सुध वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को पुरी को लिखे एक पत्र में कहा कि यात्रियों को 14 दिनों के पेड क्वारंटाइन या सरकार द्वारा संचालित क्वारंटाइन सेंटर्स में भेजा जाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि घरेलू उड़ानों, ट्रेनों और बसों सहित राज्य में आने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन का पालन करना होगा। जिन मुसाफिरों में कोरोना वायरस का लक्षण दिखेगा, उन्हें 14 दिनों के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेजा जाएगा, जबकि बिना लक्षणों वाले लोगों को घरेलू क्वारंटाइन की अनुमति होगी।
इसके अलावा केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और असम समेत पांच राज्यों और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश ने भी मुसाफिरों के आने पर उन्हें क्वारंटाइन में भेजने का फैसला लिया है। छत्तीसगढ़, केरल और राजस्थान सहित कई राज्यों की मांग है कि केंद्र द्वारा परिवहन संचालन शुरू करने पर निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह ली जाए। शनिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा कि राज्य को विशेष ट्रेनों के बारे में पहले से सूचित किया जाना चाहिए।
भारतीय रेलवे की बड़ी कामयाबी, 12000 HP वाला देश का सबसे ताकतवर इंजन फर्राटे से पहुंचाएगा मंजिल पर इससे पहले गुरुवार को केंद्र ने सोमवार 25 मई से घरेलू वाणिज्यिक उड़ान संचालन की घोषणा को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी। इसके अगले दिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों, एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटर के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल ( SOP ) जारी की थी। इसके मुताबिक अपने गंतव्य पर पहुंचने पर यात्रा करने वाले यात्रियों को उन स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो गंतव्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा निर्धारित हैं।
हालांकि संचालन के केवल एक दिन पहले एयरलाइंस कंपनियों ने केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय की कमी पर रोष व्यक्त किया।