बता दें कि 1994 में हवाई किराए नियंत्रण मुक्त करने के बाद पहला मौका है जब सरकार ने इसकी सीमा तय की है। इसके अनुसार दिल्ली-मुंबई हवाई टिकट का दाम अगले तीन महीने तक 10,000 रुपए से अधिक नहीं होगा।
नागर उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 25 मई से विमानों का परिचालन शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि उड़ान की अवधि के आधार पर किराए का आधार मूल्य तय किया गया है। नागरिक उ्डडयन मंत्रालय ने महानगरों के लिए केवल एक-तिहाई उड़ानें संचालित की जाएंगी। साथ ही विमानन कंपनियों, हवाई अड्डों और यात्रियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल से जुड़ी दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इन नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। खासकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को।
PM Modi in Bengal Live: हवाई सर्वेक्षण के बाद पश्चिम बंगाल के लिए 1000 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ( Civil Aviation Minister Hardeep Puri ) ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA ) के आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण में उड़ानें सभी मार्गों पर संचालित होंगी। सरकार ने उड़ान की अवधि के आधार पर सात बैंडों की पहचान की है। किराये पर अंकुश लगाने की नीति के तहत सात विभिन्न समय अवधि 40 से 60 मिनट से लेकर साढ़े तीन घंटे तक की उड़ानों के लिए न्यूनतम, औसत और अधिकतम किराया तय किया गया है।
सरकार द्वारा हवाई सेवाओं के लिए जिन जिन सात बैंडों की पहचान हुई उनमें 40 मिनट ( सेक्टर ए ) से कम की अवधि वाली उड़ानें, 40-60 मिनट ( सेक्टर बी ), 60-90 मिनट ( सेक्टर सी ), 90-120 मिनट ( सेक्टर डी ), 120-150 मिनट ( सेक्टर ई ), 150-180 मिनट ( सेक्टर एफ ) और 180-210 मिनट ( सेक्टर जी ) में शामिल हैं। बता दें कि दिल्ली-मुंबई हवाई यात्रा में लगभग दो घंटे लगते हैं, इसे सेक्टर डी की श्रेणी में रखा गया है।
AMPHAN : सीएम ममता बनर्जी बोलीं – तूफान से 12 की मौत, तबाही पर राजनीति न करे केंद्र इस फॉर्मूले के तहत दिल्ली-मुंबई मार्ग पर न्यूनतम किराया (कर और शुल्क छोड़कर) 3,500 रुपए और अधिकतम 10,000 रुपए होगा। विमानन कंपनियों को न्यूनतम और अधिकतम किराये के औसत मूल्य पर 40 फीसदी टिकटों की बिक्री करनी होगी, जो करीब 6,700 रुपए है।
सरकार ने कहा कि सभी बैंडों में 40% टिकट मिड-पॉइंट (निचले और ऊपरी सीमा) से कम कीमत पर बेचे जाएंगे। दिल्ली-मुंबई यात्रा के मामले में, इन टिकटों की कीमत लगभग 6,700 रुपए होगी। पुरी ने कहा कि किराया सीमा तय करने से यात्रियों की भीड़ बढ़ने और टिकट की मांग को देखते हुए एयरलाइंस द्वारा कोई ओवरचार्जिंग ( Overchanging ) नहीं होगी। 40 मिनट से कम अवधि वाली घरेलू उड़ानों में, दिल्ली से चंडीगढ़ तक, 2,000 रुपए और 6,000 रुपए की निचली और ऊपरी सीमाएं होंगी।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA ) ने बाद में घोषणा की। 40 से 60 मिनट की अवधि वाली उड़ानों के लिए, जैसे कि दिल्ली से लखनऊ तक, निचली और ऊपरी किराया सीमा 2,500 रुपए और 7,500 रुपए तय की गई हैं।
Atmanirbhar Bharat Yojna : शिवसेना ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, महाराष्ट्र की उपेक्षा पर जताया ऐतराज विमानन नियामक ने कहा कि अगले बैंड ( बेंगलुरू और मुंबई के बीच की यात्रा के लिए 60-90 मिनट ) में किराया कम है और किराया सीमा अधिकतम सीमा 3,000 रुपये और ऊपरी सीमा 9,000 रुपये है। 120 से 150 मिनट के बीच की उड़ानें, जिनमें दिल्ली-बेंगलुरु जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं, की निचली और ऊपरी सीमा 4,500 रुपये और 13,000 रुपये होगी। 150 और 180 मिनट (जैसे कि दिल्ली से इंफाल) की अवधि के साथ, निचली और ऊपरी सीमा 5,500 रुपये और 15,700 रुपये है। और अंत में, 180 से 210 मिनट के बीच की उड़ानों के लिए – जैसे दिल्ली-कोयम्बटूर मार्ग पर – सीमा 6,500 रुपये और 18,600 रुपये होगी।