दरअसल, कोरोना ( Corona ) के डर के चलते प्राइवेट डॉक्टर्स ने सामान्य मरीजों को भी देखना बंद कर दिया है, जिससे उनके सामने परेशानी खड़ी कर दी है।
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पश्चिम के कई इलाकों के प्राइवेट हॉस्पिटलों में ओपीडी बंद हो जाने से मरीज परेशान हो गए हैं। ऐसे में सामान्य मरीजों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है।
लिहाजा राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स को योजनाबद्ध तरीके से सामान्य सेवाओं को शुरू करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन हॉस्पिटलों में काम करने वाले मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि सामने आया है कि ऐसे मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिनको ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डायलिसिस, कीमोथेरैपी, प्रसूति देखभाल, प्रसव, प्रतिरक्षा आदि मामलों में देखभाल की जरूरत है।
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आपको बता दें कि प्राइवेट हॉपिटल्स -और हेल्थ केयर सेंटर्स कोरोना वायरस के डर से या तो काम नहीं कर रहे या फिर मरीजों को वापस लौटा रहे हैं।
वहीं, कई हॉस्पिटल तो मरीजों से कोरोना मुक्त होने सर्टिफिकेट तक मांग रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे हॉस्पिटलों को तुरंत सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही आदेशों का पालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।