चुने हुए जनप्रतिनिधि अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र होते हैं मुद्दे पर मैं भारत सरकार को दोषी नहीं ठहरा सकता। लेकिन हमें यह समझना जरूरी है कि ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन पर चर्चा एक पक्ष है। लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधि इस मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं। यूके के संसद में भी वही हुआ है।
हम भी ऐसा कर सकते हैं हम भारतीय संसद में भी फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। ऐसा हमने पहले किया भी है। आगे भी कर सकते हैं। इस लिहाज से ब्रिटिश संसद को भी ये अधिकार है कि वो किसी दूसरे देश के किसी घरेलू मुद्दे को चर्चा के लिए चुनते हैं या नहीं।