एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग के लिए डीजीसीए योजना तैयार कर रही है। हवाई क्षेत्र और उसके रिस्क को देखते हुए ड्रोन प्रोजेक्ट काम शुरू किया जाएगा। ये जानकारी सिविल एविएशन (Civil Aviation) मिनिस्ट्री की ओर से दी गई है। ड्रोन पायलट तैयार करने के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। ये प्रशिक्षण उन्हें फ्लाइंग एकेडमी और ट्रेंड कॉमर्शियल पायलट देंगे। ड्रोन के जरिए काम को आसान बनाने के लिए पायलट को जीपीएस मैप को समझना और उसकी सही लैंडिंग कराना जरूरी है। इसीलिए डीजीसीए की ओर से ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।
क्लियरेंस के अलावा लेना होगा यूआईएन
ड्रोन उड़ाने के लिए इसका रजिस्ट्रेशन, ऑपरेटर परमिट और उड़ाने से पहले इसका क्लियरेंस लेना जरूरी है। साथ ही यूआईएन (यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर) और यूएओपी (अनमैन्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट) की भी जरूरत होगी। ये खास नंबर डीजीसीए की डिजिटल स्काय नाम नामक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यूआईएन के लिए 1 हजार और यूएओपी के लिए 25 हजार रुपए फीस देनी होगी। यूएओपी 5 साल तक वैलिड होगा। इसके बाद इसका रिन्युअल कराना होगा। उसमें 10 हजार रुपए फीस चुकानी होगी।