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Delhi Violence: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर लगाया 25 हजार रुपये का जुर्माना, जांच को बताया संवेदनहीन और हास्यापद

Delhi Violence 2020: अपने आदेश में कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा है कि पूरा मामला देखने पर ऐसा लगता है कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। कोर्ट ने पुलिस की जांच को हास्यापद और संवेदनहीन बताया है। साथ ही दिल्ली पुलिस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

Jul 14, 2021 / 10:30 pm

Anil Kumar

Delhi Violence: Court Imposed Fine Rs 25,000 On Delhi Police, Said- Seems That Police Is Saving Accused

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल हुई हिंसा को लेकर अब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली हिंसा (2020 Delhi Violence) की जांच को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे पुलिस ही आरोपियों को बचा रही है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि पूरा मामला देखने पर ऐसा लगता है कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। कोर्ट ने पुलिस की जांच को हास्यापद और संवेदनहीन बताया है।

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कड़कड़डूमा कोर्ट की सेशन कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के एक मामले पर फैसला सुनाते हुए पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि पुलिस ने अपना काम सही से नहीं किया। पूरे मामले को देखने पर लगता है कि आरोपियों को पुलिस ही बचा रही है। पुलिस ने पूरे मामले में ढुलमूल रवैया अपनाया है।

कोर्ट ने इसलिए लगाया जुर्माना

बता दें कि 24 फरवरी, 2020 को दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मोहम्मद नासिर नाम के एक शख्स के आंख में गोली लगी थी। इसपर उन्होंने 19 मार्च, 2020 को अपने पड़ोस के 6 लोगों (नरेश त्यागी, सुभाष त्यागी, उत्तम त्यागी, सुशील और नरेश गौर) के खिलाफ गोली मारने की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की।

नासिर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी शिकायत को दूसरी FIR के साथ जोड़ दी, जिससे की उसका कोई लेना देना नहीं है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मोहम्मद नासिर की शिकायत के बावजूद FIR दर्ज नहीं करने से नाराज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि भजनपुरा थाने के प्रभारी और उनके निरीक्षण अधिकारियों से वसूली जाए क्योंकि वे अपना संवैधानिक दायित्व निभाने में बुरी तरह से विफल रहे।

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क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, जब पुलिस ने नासिर की शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की तो नासिर ने 17 जुलाई 2020 को कड़कड़डूमा कोर्ट का रुख किया। इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2020 को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि मोहम्मद नासिर की शिकायत पर FIR दर्ज करें। इसपर दिल्ली पुलिस मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के आदेश के खिलाफ 29 अक्टूबर 2020 को सेशन कोर्ट पहुंची। सेशन कोर्ट ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा FIR करने के आदेश पर रोक लगा दी और पूरे मामले में फिर से सुनवाई शुरू की।

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