इस चार्जशीट में एक बड़ा खुलासा हुआ है। चार्जशीट में एक गवाह ( Witness ) का बयान शामिल है। इस बयान में गवाह ने दावा किया है कि उसने बीजेपी ( BJP ) नेता कपिल मिश्रा ( Kapil Mishra ) लोगों को सीएए का विरोध कर रहे लोगों के पंडाल को आग के हवाले करने के लिए कहते हुए सुना था।
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नजम उल हसन नाम के गवाह के मुताबिक वो उस दौरान विरोध में मौजूद था, लेकिन 24 फरवरी को कथित घटना को “नहीं देखा”, और केवल दूसरों को इसके बारे में चिल्लाते हुए सुना।
हसन को “महत्वपूर्ण गवाहों” के बीच आरोप पत्र में सूचीबद्ध किया गया है जो चंद बाग में विरोध प्रदर्शनों की “साजिश और योजना के बारे में पूरी तरह से अवगत थे”। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में 76 गवाहों और 76 स्थानीय निवासियों सहित 164 गवाहों के नाम लिए हैं।
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत हसन का बयान दर्ज किया गया था, जो आपराधिक मुकदमे के दौरान स्वीकार्य है। इसके मुताबिक… पंडाल में कपिल मिश्रा के कुछ लोगों ने आग लगा दी, मैंने ऐसा देखा नहीं लेकिन कुछ लोग इसके बारे में चिल्ला रहे थे।
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत हसन का बयान दर्ज किया गया था, जो आपराधिक मुकदमे के दौरान स्वीकार्य है। इसके मुताबिक… पंडाल में कपिल मिश्रा के कुछ लोगों ने आग लगा दी, मैंने ऐसा देखा नहीं लेकिन कुछ लोग इसके बारे में चिल्ला रहे थे।
हालांकि अब तक कपिल मिश्रा ने अपनी ओर से इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने पहले हिंसा में अपनी भूमिका के बारे में आरोपों का जवाब दिया था कि उनके समर्थकों ने पथराव नहीं किया। बल्कि वो मौके पर लोगों के गुस्से और दबाव को कम करने पहुंचे थे।
साथ ही वे उन दो रास्तों को खुलवाना चाहते हैं जो प्रदर्शनकारियों की ओर से ब्लॉक कर दिए गए थे। ये दोनों ही रास्ते इस इलाके की लाइफलाइन माने जाते हैं। आपको बता दें कि दिल्ली हिंसा को लेकर कपिल मिश्रा के ‘भड़काऊ’ भाषण पर दिल्ली पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। नागरिकता संसोधन कानून ( CAA ) के खिलाफ दिल्ली में हुए प्रदर्शन के दौरान कपिल मिश्रा का ‘रास्ता खाली कराएंगे’ की धमकी का चार्टशीट में कहीं जिक्र नहीं है।
दंगों को लेकर खुल सकती हैं कई परतें दंगों की साजिश में सिर्फ जामिया और नागरिकता कानून के विरोधियों पर आरोप है। ऐसे में इस गवाह के बयान से दिल्ली हिंसा को लेकर कई अहम परतें खुल सकती हैं।
दिल्ली पुलिस ने हसन को चार्जशीट में अहम गवाहों की लिस्ट में शामिल किया है. चार्जशीट में लिखा गया है कि नज़म उल हसन ने चांद बाग इलाके में हुई हिंसा की साजिश की बात सुनी थी।
दिल्ली पुलिस ने हसन के अलावा 164 गवाहों का नाम चार्जशीट में शामिल किया है। इसमें 76 पुलिसकर्मी और 7 वहां के स्थानीय निवासी हैं। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में अलग से करीब 1100 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई है।
आपको बता दें कि कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ जाफराबाद विरोध स्थल से लगभग 2 किमी की दूरी पर इकट्ठा हुए थे। पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों को धमकी दी, और बाद में ट्वीट किया कि “जब तक (ट्रम्प) भारत में है, हम शांति से क्षेत्र छोड़ रहे हैं । उसके बाद, हम आप की (पुलिस) भी नहीं सुनेंगे।