केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक घरेलू स्तर के क्रॉस-सेक्शनल सर्वेक्षण ( Cross-Sectional Survey ) में 20 हजार लोगों को शामिल किया जाएगा। पूरी दिल्ली में सेरो टेस्ट 27 जून से 10 जुलाई के बीच कराया जाएगा।
CM Arvind Kejriwal : कोरोना के खिलाफ Oximeter आपका सुरक्षा कवच है बता दें कि कोरोना वायरस की जमीनी स्तर पर प्रसार की व्यापकता का पता लगाने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल साइंस ( ICMR ) के साथ-साथ नीति आयोग से डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में दिल्ली के लिए खासतौर पर 14 जून को एक कमेटी का गठन किया गया था।
कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अमित शाह ( Home Minister Amit Shah ) ने यह मेगा प्लान तैयार किया है। इसके तहत उच्च जोखिम वाली आबादी पर सेरो-सर्वे कराने की सलाह दी गई है। इनमें उन रोगियों को भी शामिल किया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं।
कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, केंद्र ने महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना के लिए भेजी टीमें क्या है यह सेरो सर्व कोरोना संक्रमित ( Coronavirus infection ) इलाके में बड़े पैमाने पर आम लोगों के बीच इस तरह का सर्वे किया जाता है। सेरो सर्वे में लोगों के एक ग्रुप के ब्लड सीरम को इकट्ठा कर उसे अलग-अलग लेवल पर मॉनिटर किया जाता है। इससे कोरोना वायरस के पैमाने का पता लगाया जा सकता है। यह सर्वे आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( NCDC ) के अधिकारियों और राज्य के स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से किया जाएगा।
सर्वे की प्रक्रिया सेरो सर्वे में स्थानीय स्तर पर बनाई गई स्टडी टीम संक्रमित इलाकों में लोगों के घरों में अचानक सर्वे ( Random ) करेगी। लोगों को सर्वे की प्रक्रिया और उद्देश्य के बारे में बताएगी। सर्वे करने से पहले टीम परिवार के सदस्यों की सहमती लेगी। बेसिक डेमोग्राफिक डिटेल, कोविड-19 ( Covid-19 ) मामलों की एक्सपोजर हिस्ट्री, एक महीने में कोविड-19 जैसे लक्षणों और क्लिनिकल हिस्ट्री दर्ज की जाएगी। दिल्ली में बड़े पैमाने पर इसे करने की योजना है।
इस सर्वेक्षण में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए लोगों के एक समूह के रक्त सीरम का परीक्षण किया जाता है, जिससे की यह पता लगाया जा सके कि कौन इससे पीड़ित होकर ठीक हो चुका है।
आईसीएमआर ( ICMR ) और अन्य एजेंसियों के शोधकर्ताओं ने इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इसके मुताबिक प्रति एक लाख की आबादी पर सामने आए मामलों के तहत चार स्तर शून्य, निम्न, मध्यम और उच्च के आधार पर यह सर्वेक्षण किया जाएगा।
सर्वे से क्या होगा लाभ? अध्ययन से पता चलेगा कि सार्स-कोव-2 का कितना प्रसार हो चुका है. बाद में कोविड जांच के जरिए देखा जाएगा कि एंटी बॉडी विकसित हुई हैं या नहीं. इसके द्वारा, दिल्ली में संक्रमण के फैलाव का समग्र आंकलन हो सकेगा और एक व्यावपक रणनीति निर्धारित की जा सकेगी।