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Delhi Meerut Expressway: 31 दिसंबर तक पूरा होगा बचा हुआ काम, टोल पर नहीं पड़ेगी रुकने की जरूरत, ऑटोमेटिक कटेगा पैसा

Delhi Meerut Expressway : चार भागों में बांटा गया है, पहले और तीसरे पर गाड़ियां चल रही हैं। जल्द ही दूसरे और चौथे हिस्से का काम भी पूरा हो जाएगा
एक्सप्रेस-वे पर आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, एएनपीआर के जरिए कटेगा टोल

Sep 05, 2020 / 10:21 am

Soma Roy

Delhi Meerut Expressway

नई दिल्ली। देश के सबसे अहम प्रोजेक्ट में से एक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे (Delhi Meerut Expressway ) के बचे हुए दूसरे और चौथे प्रखंड का काम जल्द ही पूरा होने वाला है। उम्मीद की जा रही है कि 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। हाईवे के विस्तार से दिल्ली-यूपी के लोगों को काफी फायदा होगा। एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 की स्पीड से रफ्तार भर सकेंगी। इतना ही नहीं हाईवे पर आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। जिसके तहत आपको टोल के लिए प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्वचालित टोल प्लाजा पर लगे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) के जरिए अपने आप पैसा कट जाएगा।
मेरठ एक्सप्रेसवे का चौथा खंड 14 लेन का है। चूंकि इसके आस-पास काफी पेड़-पौधे हैं ऐसे में सड़क पर अचानक पशुओं के आने का डर है। इसलिए हादसों को रोकने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ दीवार बनाई जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनएचआई के परियोजना निदेशक का कहना है कि दूसरे और चौथे खंड का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो 31 दिसंबर 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। इस पर भी गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे चार खंड में बंटा हुआ है। पहला खंड निजामुद्दीन से यूपी गेट तक है, जो 8 किलोमीटर का है। दूसरा खंड यूपी गेट से डासना, जो 19 किलोमीटर है। वहीं तीसरा खंड डासना से हापुड़ 22 किलोमीटर व चौथा खंड डासना से मेरठ तक 32 किमी का है। एक्सप्रेस-वे का पहला और तीसरा खंड का निर्माण पहले ही पूरा हो गया था, जिस पर वाहन दौड़ने लगे हैं। जल्दी ही दूसरे खंडों में भी आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। दूसरे खंड में गाड़ियों के रफ्तार भरने की सीमा पहले 100 किमी प्रति घंटा थी, अब इसे बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटा कर दी गई है।
सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
एक्सप्रेस वे पर तय लिमिट से ज्यादा स्पीड में गाड़ियों के दौड़ाने पर चालान कटेगा। साथ ही भारी जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। मॉनिटरिंग के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। यहीं से नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना यातायात पुलिस को मिलेगी।

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