मेरठ एक्सप्रेसवे का चौथा खंड 14 लेन का है। चूंकि इसके आस-पास काफी पेड़-पौधे हैं ऐसे में सड़क पर अचानक पशुओं के आने का डर है। इसलिए हादसों को रोकने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ दीवार बनाई जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनएचआई के परियोजना निदेशक का कहना है कि दूसरे और चौथे खंड का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो 31 दिसंबर 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। इस पर भी गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे चार खंड में बंटा हुआ है। पहला खंड निजामुद्दीन से यूपी गेट तक है, जो 8 किलोमीटर का है। दूसरा खंड यूपी गेट से डासना, जो 19 किलोमीटर है। वहीं तीसरा खंड डासना से हापुड़ 22 किलोमीटर व चौथा खंड डासना से मेरठ तक 32 किमी का है। एक्सप्रेस-वे का पहला और तीसरा खंड का निर्माण पहले ही पूरा हो गया था, जिस पर वाहन दौड़ने लगे हैं। जल्दी ही दूसरे खंडों में भी आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। दूसरे खंड में गाड़ियों के रफ्तार भरने की सीमा पहले 100 किमी प्रति घंटा थी, अब इसे बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटा कर दी गई है।
सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
एक्सप्रेस वे पर तय लिमिट से ज्यादा स्पीड में गाड़ियों के दौड़ाने पर चालान कटेगा। साथ ही भारी जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। मॉनिटरिंग के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। यहीं से नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना यातायात पुलिस को मिलेगी।