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गरीबों और मजदूर वर्ग के हित में लिया फैसला
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि यह फैसला गरीबों और मजदूर वर्ग के हित में उठाया गया हैं, जो वर्तमान महामारी के कारण असमान रूप से पीड़ित हैं। इस आदेश से लिपिक और सुपरवाइजर नौकरियों में भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी पर कार्यरत लोगों को भी महंगाई भत्ते का लाभ मिलना चाहिए, जो आमतौर पर राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है।
जानिए कितनी हुई बढ़ोतरी
सिसोदिया ने कहा है कि महंगाई भत्ते में नवीनतम संशोधन के साथ, अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 15,492 रुपये से बढ़ाकर 15,908 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह अर्धकुशल मजदूर अब करीब 500 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 17,537 रुपये कमाएंगे। इस बीच कुशल मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18,797 रुपये से बढ़ाकर 19,291 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसके अलावा, सुपरवाइजर और कर्मचारियों के लिपिक संवर्ग के लिए न्यूनतम वेतन दरों में भी वृद्धि की गई है। गैर-मैट्रिक कर्मचारियों के लिए मासिक वेतन 17,069 रुपये से बढ़ाकर 17,537 रुपये और मैट्रिक कर्मचारियों के लिए 18,797 रुपये से बढ़ाकर 19,291 रुपये कर दिया गया है। स्नातक या अन्य उच्च शिक्षा योग्यता वाले श्रमिक अब 20,430 रुपये प्रति माह के बजाय 20,976 रुपये कमाएंगे।
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कोरोना के संकट में श्रमिक भाइयों को राहत
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का कहना है कि न्यूनतम मजदूरी में संशोधन के साथ दिल्ली में मुआवजा किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। महामारी के कारण समाज का हर वर्ग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। तेल और दालों जैसी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने आम जनता के संकट को बढ़ा दिया है। मुझे उम्मीद है कि मजदूरी में यह वृद्धि हमारे श्रमिक भाइयों को कुछ राहत प्रदान करेगी।