इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( CM Arvind Kejriwal ) ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया है। सीएम केजरीवाल ने अब होटलों में बनाए गए कोरोना केयर सेंटरों ( Covid Care Centre ) को बंद करने का फैसला लिया है। आईए जानते हैं सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये फैसला क्यों लिया।
आखिरकार भारत के आसमान में गरजने लगा रफाल, जानें कैसे हुई हैप्पी लैंडिंग और कैसे दी गई सलामी मानसून को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अब तक का सबसे बड़ा अलर्ट, देश के इन राज्यों में अगले चार दिन होगी जोरदार बारिश
देशभर में जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं राजधानी दिल्ली से अब सरकारात्मक संकेत मिलना शुरू हो गए हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के दौरान अस्पतालों से लिंक होटलों में बनाए गए कोरोना केयर सेंटरों को अब केजरीवाल सरकार ने बंद करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से कुछ होटल कोरोना अस्पतालों से जोड़े गए थे, लेकिन हालातों में तेजी से सुधार हो रहा है ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि अब होटलों में बनाए गए कोरोना केयर सेंटरों को बंद किया जाए।
फिलहाल 25 से ज्यादा होटलों में कोविड केयर सेंटर
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में मौजूदा समय में करीब 25 होटलों में कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। हालांकि अब कोविड सेंटरों को बंद किया जाएगा।
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में मौजूदा समय में करीब 25 होटलों में कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। हालांकि अब कोविड सेंटरों को बंद किया जाएगा।
दरअसल राजधानी में बीते कुछ दिनों में कोरोना को लेकर काफी काम हुआ है। इसी का नतीजा है कि यहां कोरोना रिकवरी रेट में तेजी से सुधार भी हुआ है। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि कोरोना थोड़ी सी भी लापरवाही से फिर तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए इसको लेकर कोई भी कोताही ना बरती जाए।
वहीं दूसरी तरफ होटल संचालक लगातार सरकार और जिला प्रशासन से अपने होटल को छूट देने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि मरीज नहीं मिलने के कारण उनके होटलों का खर्च नहीं निकला पा रहा है। ऐसे में कोविड सेंटरों को बंद करने की अनुमति दी जाए।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में किसी भी मरीज का एंटीजन टेस्ट नेगेटिव है, लेकिन उसमें कोरोना के लक्षण हैं, तो आरटी-पीसीआर टेस्ट उस पर किया जाना चाहिए। इन दिशा निर्देशों के कड़ाई से पालन को लेकर हिदायत दी गई है।