परिजनों ने लगाया आरोप मौत के बाद मृतक के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए नालागढ़ के सिविल अस्पताल में भेजा गया, जहां अस्पताल प्रशासन ने कहा कि पहले कोविड-19 लिया जाएगा और उसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम होगा। अस्पताल प्रशासन ने 3 दिन तक शव को रखा और जब शव गलने और सढ़ने लगा तो परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने इन सब के पीछे अस्पताल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की गलती की वजह से हमें मृतक का शरीर नहीं मिल पाया और जब शव सड़ने लगा तो हमें सौंप दिया गया।
शव से आने लगी बदबू जानकारी के मुताबिक, परिवार वालों ने बताया कि 16 जून को सागर की मौत हुई थी। अस्पताल प्रबंधन ने कोविड-19 के टेस्ट के लिए शव को फ्रीजर में रखा लिया। गुरुवार को जब परिजन अस्पताल पहुंचे और उन्होंने देखा कि शव की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है। शव से बदबू आ रही है। इस घटना से परिजनों में काफी आक्रोश है।
शव की होगी जांच जब परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से इस बारे में पूछा तो अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि फ्रीजर तो ठीक है, लेकिन मृतक के शव किस कारण गल सड़ गया इसके लिए वह जांच करेंगे। एसएमओ नालागढ़ डॉक्टर आनंद का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है कि फ्रीजर में रखा शव किस वजह से सड़ गया।
कार्रवाई करने की मांग परिजनों ने आरोप लगाया कि शव की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि उसको पहचानना भी मुश्किल हो चुका है। उन्होंने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। आक्रोशित पीड़ित परिजन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।