जानकारी के मुताबिक महिला का पति लॉकडाउन में 3 महीने पहले बेरोजगार हो गया था। उसके बच्चे चावल खाकर ऊब गए थे और सब्जी खाने की जिद कर रह थे। घर में खाने पीने के लिए कुछ नहीं था। मां ने बच्ची की सब्जी की जिद पूरी करने के लिए पड़ोसी की दीवार फांद ली और करंट लगने से तत्काल मां-बेटी की मौत हो गई।
चोरी की डर से दीवार पर लगाया था करंट सूत्रों के मुताबिक जिस निर्माणाधीन मकान में यह हादसा हुआ वह झारखंड पुलिस के सिपाही कृष्णा कुजूर का है। उनका कहना है कि घर में सरिया-रेत चोरी हो रही थी, इसलिए उन्होंने बाउंड्रीवॉल पर तार बिछाकर उसमें करंट छोड़ दिया था। कृष्णा ने बताया कि चोरी की डर से दीवारों के चारों तरफ करंट लगाया था। घटना सोमवार की है। अगले दिन सुबह कृष्णा की पत्नी यहां पहुंची तब हादसे का खुलासा हुआ।
कद्दू और तीन तोरी तोड़कर लौट रही थी मां- बेटी महेश्वरी देवी (40) का पति जतरू राम लॉकडाउन के कारण 3 महीने पहले बेरोजगार हो गया था। बताया जा रहा है कि मां- बेटी एक छोटा सा कद्दू और तीन तोरी तोड़कर लौट रही थीं, तभी दीवार पर लगे बिजली के तार की चपेट में आ गईं।
लोगों में फूटा गुस्सा जानकारी के मुताबिक महेश्वरी के दो बेटे हैं। 5 साल का बिरसा और 4 साल का झालो। दोनों को पता भी नहीं है कि उनकी मां और बहन की मौत हो गई है। जतरू ने बताया कि उसकी पत्नी भी मजदूरी करती थी। लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा था, इसलिए घर में एक पैसा नहीं था। पत्नी-बेटी कब घर से निकलीं, उसे पता नहीं चला। सुबह शोर हुआ, तब उसे पता चला। इस घटना से गांववालों में गुस्सा है। उनका कहना है कि बाउंड्रीवाल में करंट वाला तार क्यों बिछाया गया था? गांव में लोग इसका विरोध कर रहे है और कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर पति जतरू को दिए पुलिस ने तत्काल मां-बेटी का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांववालों ने महेश्वरी के परिवार की गरीब हालत देख गांव से ही चंदा इकट्ठा पैसे जतरू को दिए जो शवों को लेकर अपने पैतृक गांव खटंगा चला गया है। जतरू ने अभी थाने में आवेदन नहीं दिया है, इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है।