इस बीच चक्रवात यास ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की भी चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, चक्रवात यास के खतरे के मद्देनजर DRDO ने सभी जरूरी उपाय करते हुए मिसाइल परिक्षण केंद्रों की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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मंगलवार को एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि DRDO की ‘एकीकृत परीक्षण स्थल’ (ITR) ने ‘यास’ चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा में स्थित चांदीपुर तथा अब्दुल कलाम द्वीप पर अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं।
चक्रवात यास से ITR प्रभावित होने की आशंका
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र भुवनेश्वर के एक वैज्ञानिक ने जानकारी देते हुए बताया कि चक्रवात यास आज (मंगलवार) भद्रक जिले में धामरा और चांदबाली के बीच तूफान के तट पर पहुंचने की आशंका प्रबल है।
अधिकारी ने आगे बताया कि द्वीप आईटीआर से 80 समुद्री मील (110 किलोमीटर) दूर स्थित है और इसके चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका अधिक है। सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण कक्ष और ब्लॉक हाउस को 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं का सामना कर सकने के लिहाज से बनाया गया है।
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बता दें कि चांदीपुर में डीआरडीओ के आईटीआर के तीन मिसाइल ‘लांच पैड’ हैं और अब्दुल कलाम द्वीप पर एक ‘लांच कॉम्प्लेक्स’ है। इसके अतिरिक्त दो अलग अभियान नियंत्रण कक्ष तथा ‘ब्लॉक हाउस’ हैं।
ओडिशा के तटीय जिलों में रेड अलर्ट
बता दें कि चक्रवात यास के प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश की रफ्तार भी तेज हो गई है। लैंडफॉल के समय हवा की गति प्रति घंटा 155 से 165 किलोमीटर होने का अनुमान लगाया गया है। इस दौरान हवा की गति 185 किलोमीटर तक हो सकती है।
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इस तूफान के कारण ओडिशा के तटीय जिले सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है। लिहाजा, इऩ जिलों (बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, मयूरभंज ) में रेड अलर्ट जारी किया गया है। समुद्र के अशांत होने से समुद्र की लहर 14 मीटर तक ऊंची उठ सकती है। लैंडफॉल के समय समुद्र में 2 से 4 मीटर ऊंचाई तक ज्वार उठने की संभावना है।