बैठक के दौरान पीएम मोदी ने तूफा यास से प्रभावित होने वाले इलाकों के संबंध में जायजा लिया और उसके खतरे से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। माना जा रहा है कि चक्रवाती तूफान यास 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है।
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पीएम मोदी के साथ बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पुड्डुचेरी के चीफ सेक्रेटरी और अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में रेलवे बोर्ड चेयरमैन, NDMA मेंबर सेक्रेटरी, IDF चीफ के साथ गृह, पावर, शिपिंग, टेलिकॉम, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सिविल एविएशन और फिशरीज मंत्रालय के सेक्रेटरी भी मौजूद रहे। साथ ही कोस्ट गार्ड, NDRF और IMD के DG भी शामिल रहे।
24 मई को चक्रवाती तूफान में बदल सकता है ‘यास’
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, चक्रवाती तूफान ‘यास’ 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। इसके बाद अगले 24 घंटों में बहुत ही भयानक रूप ले सकता है। अनुमान है कि कल (24 मई, सोमवार) को तूफान यास के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके बाद यह 26 मई को पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।
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बता दें कि इस तूफान को लेकर पहले से ही आंध्र प्रदेश, ओडीशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। अनुमान है कि इस तूफान का सबसे ज्यादा असर बंगाल और ओडिशा पर पड़ेगा। अंडमान और निकोबार और पूर्वी तट के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से बाढ़ का खतरा भी बन सकता है।
कोस्टगार्ड समेत डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस स्टैंडबाय पर
बता दें कि तूफान यास के खतरे को देखते हुए कोस्टगार्ड, डिजास्टर रिलिफ टीम (DRTs), इन्फ्लेटेबल बोट, लाइफबॉय और लाइफजैकेट, इसके अलावा डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
इसके अलावा पोर्ट अथॉरिटी, ऑयल रिग ऑपरेटर्स, शिपिंग- फिशरीज अथॉरिटी और मछुआरा संघों को चक्रवात को लेकर जानकारी दे दी गई है।