दूसरी तरफ सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भारतीय सेना ने सोमवार को चक्रवात तौकते से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बहाली के प्रयासों में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए 180 टीमों को तैनात किया है। भयंकर चक्रवाती तूफान तौकते के कारण बचाव और राहत कार्यों में नागरिक प्रशासन की सहायता करने के उद्देश्य से भारतीय सेना ने देश के विभिन्न हिस्सों से पश्चिमी तट पर कॉलम और इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) जुटाए हैं।
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कुल 180 टीमें में से प्रत्येक कॉलम में तीन टीमें शामिल हैं और नौ इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) भौगोलिक क्षेत्र में फैली हुई हैं, जो सभी संभावित आकस्मिकताओं और कोविड की स्थिति को देखते हुए अल्प सूचना पर स्टैंडबाय पर हैं। सेक्टर कमांडर और मंडल मुख्यालय जिला कलेक्टरों और राजस्व आयुक्त के संपर्क में हैं, जो गुजरात में राहत गतिविधियों के लिए नोडल एजेंसी हैं।
गुजरात समेत सभी प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बल अलर्ट
गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान के आने की आशंका के साथ, भारतीय सेना की इकाइयों और संरचनाओं ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राहत और सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए संचार और इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ पर्याप्त टीमों के साथ खुद को तैयार किया है।
सुरक्षा बल ने कहा, चूंकि केंद्र शासित प्रदेश दीव (दमन और दीव) सहित सौराष्ट्र में सबसे अधिक प्रभाव होने की संभावना है, इसलिए दीव में नागरिक प्राधिकरण को सहायता के लिए 10 एकीकृत टीमों को नियोजित किया जाना है। जूनागढ़ क्षेत्र में दस टीमों को रवाना किया गया है, जबकि अन्य स्थिति के विश्लेषण के बाद राज्य प्रशासन की अल्प सूचना पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
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दक्षिणी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस. नैन ने चक्रवात के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए सेना के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। अहमदाबाद स्थित सेना डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने गुजरात के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समन्वय बैठक में भाग लिया और सभी समर्थन का आश्वासन दिया।
बता दें कि भारतीय सेना के साथ ही नौसेना भी बचाव कार्यों में जुटी है। बॉम्बे हाई एरिया में हीरा ऑयल फील्ड से दूर फंसे 273 कर्मियों के साथ एक बजरे (नौका) पी 305 की सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त होने पर, आईएनएस कोच्चि को स्थिति का आकलन करने तथा आवश्यकतानुसार मदद करने के लिए तेजी से भेजा गया। आईएनएस तलवार को भी रवाना होने के लिए तैयार किया गया।
मुंबई से लगभग 8 समुद्री मील पर 137 लोगों के साथ बजरे जीएएल कंस्ट्रक्टर से सहायता के लिए प्राप्त एक अन्य एसओएस पर प्रतिक्रिया के फलस्वरूप आईएनएस कोलकाता को भी मदद पहुंचाने के लिए रवाना किया गया है।