इस बात का खुलासा गैर सरकारी संस्था क्राई की रिपोर्ट ( CRY Report ) से हुआ है। क्राई ने अपने इस अध्ययन में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1100 से अधिक माता-पिता को शामिल किया। बच्चों के अभिभावकों से बच्चों पर महामारी के विभिन्न प्रभावों के बारे में जानकारी हासिल की। यह सर्वेक्षण लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण में कराया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू बोले – कश्मीर में उग्रवाद की कमर टूटने से पाकिस्तान हताश क्राई के अध्ययन के मुताबिक कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से देश के सभी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है। उत्तर भारत के राज्यों में जिन लोगों ने सर्वे में भाग लिया उनमें 63 प्रतिशत ने टीका नहीं लगवा पाने की बात कही। सर्वेक्षण के निष्कर्ष के मुताबिक करीब 51 प्रतिशत अभिभावक ही अपने पांच साल से छोटे बच्चों को आवश्यक टीके लगवा पाए। शेष लोग लॉकडाउन की वजह से चाहते हुए भी टीका नहीं लगवा पाए।
अहमदाबाद से पहली ट्रेन पहुंची दिल्ली, आगे के लिए यात्रियों को नहीं मिले वाहन आपको बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 47,480 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कोरोना का इलाज कराकर 24,385 लोग घर वापस लौट चुके हैं। जबकि 2415 लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हुई है। दूसरी तरफ रिकवरी रेट लगातार सुधर कर 31.73 प्रतिशत तक पहुंच गया है।