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COVID-19: कोरोना वायरस के लिए सॉफ्ट टारगेट हैं सिगरेट पीने वाले, जाने संक्रमण का खतरा इतना क्यों?

भारत समेत दुनिया में तमाम देशों में कोरोन वायरस का प्रकोप जारी
दुनिया भर में अब तक कोरोना के 8 लाख 50 हजार से भी अधिक केस
42 हजार से अधिक लोग इस जानलेवा बीमारी की वजह से जान गवां चुके

Apr 02, 2020 / 04:57 pm

Mohit sharma

कोरोन वायरस

नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया में तमाम देशों में कोरोना वायरस ( Coronavirus outbreak ) का प्रकोप जारी है। दुनिया भर में अब तक कोरोना ( Coronavirus ) के 8 लाख 50 हजार से भी अधिक केस पाए गए हैं, जबकि 42 हजार से अधिक लोग इस जानलेवा बीमारी की वजह से जान गवां चुके हैं।

ऐसे में साइंटिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना ( Coronavirus epidemic ) से निपटने के साथ ही इसके फैलाव के कारणों की भी पड़ताल कर रहे हैं।

साइंटिस्ट्स यह भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर किन लोगों में कोरोना वायरस का खतरा ( Coronavirus risk ) सबसे अधिक है।

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एक रिसर्च में पता लगा है कि बुजुर्गों या उम्रदराज लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, जिसका सबसे बड़ा कारण उनके इम्यून सिस्टम का कमजोर होना है।

इस बीच एक नए शोध में सामने आया है कि स्मॉकिंग करने वालों में भी कोरोना संक्रमण फैलने का आशंका कहीं ज्यादा है।

आइए पता लगाते हैं कि इस शोध पर क्या कहता है विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) और रिसर्च सेंटर्स—

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो शराब और सिगरेट पीने वालों मे? कोरोना वायरस ? के संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

यहां तक की डब्ल्यूएचओ ने तो स्मॉकर्स के लिए चेतावनी भी जारी की है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं कर लिया जाता, तब तक लोग स्मॉकिंग से परहेज रखें।

इसके साथ ही यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने भी कोरोना के लिहाज से स्मॉकिंग को खराब बतााय है।

उसकी रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मॉकिंग की वजह से बॉडी अतिसंवेदनशील हो जाती है, जो कई रोगों से लड़ नहीं पाती।

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यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का दावा है कि स्मॉकर्स में संक्रमण का खतरा अधिक होता है और उनकी रिकवरी सामान्य लोगों की तुलना में देरी से होती है।

इसका सबसे बड़ा कारण स्मॉकिंग का फेफड़ों पर बुरा असर पड़ना है।

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