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COVID-19 पर तीन टॉप डॉक्टरों ने दिए इलाज-बचाव-ऑक्सीजन-रेमेडेसिविर जैसे हर सवाल के जवाब

देश में कोरोना की नई लहर के बीच सामने आ रही परेशानियों को लेकर मंगलवार को दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन और नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर ऑक्सीजन-रेमेडेसिविर की कमी, महामारी के लक्षण, जांच, इलाज समेत कई महत्वपूर्ण सवालों पर लोगों को जवाब दिए।

Apr 21, 2021 / 06:32 pm

Anil Kumar

नई दिल्ली। देश में कोरोना की नई लहर के बीच संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस बीच कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के संबंध में दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन और नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने चर्चा की। इस बैठक के दौरान COVID-19 पर तीनों टॉप डॉक्टरों ने इलाज-बचाव-ऑक्सीजन-रेमेडेसिविर जैसे हर सवाल के जवाब दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमित 85% से अधिक लोग किसी भी विशिष्ट उपचार के बिना ही ठीक हो रहे हैं। रेमेडिसिविर आदि रामबाण इलाज नहीं है। अधिकांश लोगों में सामान्य सर्दी, गले में खरास आदि जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। 5-7 दिनों में वे रोगसूचक उपचार के साथ ठीक हो जाते हैं। केवल 15% लोगों में बीमारी का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है।

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पर्याप्त ऑक्सीजन है

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि एक देश के रूप में यदि हम एक साथ काम करते हैं और ऑक्सीजन व रेमेडेसिविर का विवेकपूर्ण उपयोग करें, तो कहीं भी कोई कमी नहीं होगी। जिन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति की सख्त आवश्यकता है, उन्हें मिल पाएगी। हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है।

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टीका लगाने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन आपको गंभीर रूप से बीमार होने से बचाता है। यह आपको संक्रमण होने से नहीं रोक सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि टीका के बाद भी हमारे पास एक सकारात्मक रिपोर्ट हो सकती है, इसलिए टीका के बाद भी मास्क पहनना महत्वपूर्ण है।

ऑक्सीजन की बर्बादी ना करें

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन एक इलाज है, जो कि एक दवा की तरह है। ऑक्सीजन को रूक रूक कर लेना पूर्ण रूप से ऑक्सीजन की बर्बादी है। ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है, जो यह दर्शाता है कि यह आपकी किसी भी तरह से मदद करता है और इसलिए आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।

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रेमेडेसिविर की जरूरत बेहद कम मरीजों को

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम में से अधिकांश जो घर में आइसोलोट हैं या अस्पताल में हैं, उन्हें किसी विशिष्ट उपचार की आवश्यकता नहीं है। केवल कुछ लोगों को ही रेमेडेसिविर की आवश्यकता होती है। इसे आप रामबाण इलाज न समझें।

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ऑक्सीजन का इस्तेमाल सही से किया जाना चाहिए: डॉ. नरेश त्रेहन

मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने बैठक में कहा कि आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है, यदि हम इसे विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की कोशिश करें। मैं जनता को बताना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो सुरक्षा कवच के रूप में इसका इस्तेमाल न करें। ऑक्सीजन की बर्बादी से वैसे लोग वंचित रह जाएंगे जिसे इसकी आवश्यकता है।

रेमेडेसिविर नहीं है रामबाण

उन्होंने आगे कहा कि हमने अब एक प्रोटोकॉल बनाया है, जिसमें रेमेडेसिविर को सभी को नहीं दिया जाएगा, जो टेस्ट में पॉजिटिव आता है। डॉक्टरों के परीक्षण के परिणाम, लक्षण और किसी मरीज की स्थिति को देखते हुए उन्हें दिया जाएगा। रेमेडेसिविर ‘रामबाण’ नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

बहुत कम लोगों को भर्ती होने की जरूरत

डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि कम प्रतिशत लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। अस्पताल के बेड का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी हम सभी पर टिकी हुई है।

ऑक्सीजन लेवल 94 फीसदी से कम होने पर डॉक्टर को करें संपर्क: डॉ. देवी शेट्टी

इस बैठक में शामिल नारायण स्वास्थ्य के अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 94% से ऊपर है तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर यह व्यायाम करने के बाद गिर रहा है, तो आपको डॉक्टर को कॉल करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप सही समय पर सही उपचार करवाएं।

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डॉक्टर की बात मानें

उन्होंने आगे कहा कि एक संभावना है कि आप स्पर्शोन्मुख हो सकते हैं, फिर डॉक्टर आपको घर पर रहने, खुद को अलग करने, मास्क पहनने और हर 6 घंटे में अपने ऑक्सीजन संतृप्ति की जांच करने के लिए कहेंगे। यदि आप सकारात्मक हैं, तो डॉक्टर से मिलें और उनकी राय लें। घबराएं नहीं, COVID-19 अब आम है। यह एक समस्या है जिसे हल किया जा सकता है बशर्ते कि आप प्रारंभिक अवस्था में चिकित्सा सहायता प्राप्त करें और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

इन लक्षणों के दिखने पर कराएं टेस्ट

डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि यदि आपके शरीर में दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे कोई लक्षण हैं, तो मेरा एक महत्वपूर्ण संदेश है कि कोरोना टेस्ट कराएं, यह सबसे महत्वपूर्ण बात है।

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