मशहूर मंदिर के पुजारी निकले कोरोना वायरस पॉजिटिव, एक साथ इतने लोगों को किया गया क्वारंटाइन मीडिया से बातचीत में बुखारी ने कहा, “मैंने लोगों से अपने घरों में नमाज अदा करने की अपील की थी। लोगों की राय लेने और मौलानाओं से सलाह लेने के बाद यह फैसला लिया गया है कि गुरुवार के मगरेब (सूर्यास्त) से 30 जून तक जामा मस्जिद में कोई भी सामूहिक नमाज अदा नहीं की जाएगी।”
केंद्र सरकार के ‘अनलॉक 1’ के हिस्से के रूप में पहले चरण में दी गई ढील के बाद बीते 8 जून से देश भर में शॉपिंग मॉल और कार्यालयों जैसे कई प्रतिष्ठानों को खोलने की छूट दे दी गई थी। जबकि बुखारी ने कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ने के मद्देनजर सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी।
गौरतलब है कि बुखारी के सचिव अमानतुल्लाह का मंगलवार रात सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था। दिल्ली में गुरुवार तक कोरोना वायरस के कुल 32,810 केस सामने आ चुके हैं। इनमें 19,581 एक्टिव केस हैं, जबकि 12,245 मरीज रिकवर-डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। वहीं, राजधानी में अब तक यह महामारी 984 लोगों की जान ( Coronavirus Deaths ) ले चुकी है।
मस्जिदों की सफाई सैनेटाइजर से ना की जाए वहीं, बरेली में एक मुस्लिम धर्मगुरु ने एक सलाह जारी की है कि मस्जिदों की सफाई शराब आधारित सैनिटाइज़र से नहीं की जानी चाहिए। ऑल इंडिया तन्ज़ीम उलमा ए इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने गुरुवार को मस्जिद की सफाई के लिए अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र के इस्तेमाल के खिलाफ अपनी विंग के तहत सभी मस्जिदों को एक एडवाइजरी जारी की।
दिल्ली में कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन? स्वास्थ्य मंत्री ने किया बड़ा खुलासा उन्होंने कहा, “मस्जिदों की साफ-सफाई हमारे लिए बहुत महत्व रखती है। सरकार ने जगह को साफ करने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है। स्वच्छता का मतलब है धुलाई। आदेश के संबंध में हमने सर्फ (डिटर्जेंट और अन्य साधनों) का उपयोग करके मस्जिदों की सफाई सुनिश्चित करने के लिए सलाह जारी की है।”
शहाबुद्दीन ने कहा, “मस्जिदों की सफाई डिटर्जेंट, शैंपू, कुछ रसायनों आदि के उपयोग से की जानी चाहिए क्योंकि इस्लाम में शराब (सैनिटाइटर जैसे अल्कोहल पर आधारित उत्पाद) का उपयोग वर्जित है।”