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‘देश में सार्वभौमिक टीकाकरण की जरूरत नहीं’
लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल का जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि देश में सार्वभौमिक टीकाकरण की जरूरत नहीं है और सरकार कोविड के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय की सिफारिशों का पालन कर रही है। लोकसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद सुप्रिया सुले ने सवाल उठाया कि क्या सार्वभौमिक टीकाकरण सरकार के लक्ष्य में शामिल है? इस पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि प्रत्येक वैक्सीन को सार्वभौमिक टीकाकरण की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर स्टॉफ, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 साल की उम्र से ऊपर वाले बीमार और 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों समेत जिन प्राथमिक ता ग्रुप वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, उनको आने वाले दिनों में विशेषज्ञों की राय के बाद विस्तारित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने न केवल भारतीय विशेषज्ञों बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस का भी संज्ञान लिया है।
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‘दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन नहीं दी जाएगी’
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिका प्रक्रिया एक गतिशील प्रकिया है। वायरस की प्रक्रिया भी गतिशील ही है। हर्षवर्धन ने कहा कि सभी चीजें वैज्ञानिक तथ्यों, जांच, समग्र वैज्ञानिक और स्वास्थ्य समुदाय की दृष्टि पर आधारित हैं। एक लिखित जवाब मे स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार कोरोना वैक्सीनेशन के गति बढ़ाने की योजना तैयार कर रही है। जिसके तहत सरकारी और प्राइवेट कोरोना वैक्सीनेशन केंद्रों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन एक गतिशील प्रक्रिया है। जिसका अब विस्तार किया जा रहा है।