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मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि सिद्धू ट्रैक्टर रैली में हिंसा करने तथा राष्ट्रीय ध्वज के अपमान करने के उद्देश्य से ही शामिल हुआ था। सिद्धू ने ही रैली में मौजूद किसानों को भड़काकर एकत्रित किया और लाल किला परिसर में हिंसा की घटना को अंजाम दिया। सरकारी वकील ने कहा कि सिद्धू को रिहा किया गया तो सबूतों के नष्ट किए जाने का खतरा बना रहेगा। वकील ने अदालत में सिद्धू द्वारा 25 जनवरी से पहले मीडिया को दिए गए इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि सिद्धू को मालूम था कि सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग का पालन नहीं करेंगे और किसी साजिश का अंजाम दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लाल किला परिसर में हुई हिंसा और भीड़ द्वारा पुलिस पर हमला किए जाने से 144 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह भी पढ़ें